आरयू संवाददाता, लखनऊ। लॉकडाउन का असर अब भी लोगों पर दिखाई दे रहा है। लॉकडाउन के बाद व्यापार में आयी मंदी के चलते इलेक्ट्रॉनिक सामानों के व्यापारी ने नाका इलाके में फांसी लगाकर जान दे दी है। जान देने से पहले व्यापारी ने अपने दोस्त को मैसेज किया था। आज सुबह मोबाइल पर मैसेज देख दोस्त भागते हुए व्यापारी के घर पहुंचा तो अंदर फंदे से लटकती हुई उसकी लाश मिली।
नाका पुलिस के मुताबिक मूल रूप से हरदोई के बैटगंज निवासी आकाश गुप्ता नाका के मोतीनगर में किराए का मकान लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों की सप्लाई का काम करते थे।
गुरुवार देर रात आकाश ने अपने दोस्त धीरज के साथ खाना खाया। इसके बाद धीरज घर चले गए। उसके बाद आकाश ने धीरज के वाट्सएप पर मैसेज भेजा। धीरज ने शुक्रवार सुबह मैसेज देखा तो वह भागकर आकाश के घर पहुंचा। मेनगेट बंद होने पर बाउंड्रीवाल फांदकर धीरज अंदर पहुंचा। कमरे में पंखे से चादर के फंदे के सहारे दोस्त की लाश लटकती देख उसकी चीख निकल गयी। खुद को किसी तरह से संभालते हुए धीरज ने पुलिस और आकाश के परिवारवालों को सूचना दी। घटनास्थल पर पहुंची नाका पुलिस ने लाश को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजने के साथ ही अपनी जांच शुरू कर दी।
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वहीं मौके पर पहुंचे आकाश के भाई हरिओम ने पुलिस को बताया कि बीती रात ही आकाश की मां मंजू से बात हुई थी। इसमें वह लॉकडाउन के बाद व्यापार न चल पाने से परेशान रहने की बात कह रहा था। माता मंजू और पिता राकेश ने उसे समझाया भी था, हालांकि किसी ने इस बात की कल्पना नहीं कि थी की आकाश इतना बड़ा कदम उठा लेगा।
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वहीं धीरज ने पुलिस को बताया कि आकाश ने अपने मैसेज में लिखा था कि मेरे मम्मी-पापा को बकाया रुपए दे देना। मेरे भाई और परिवार का ध्यान रखना। मैं बहुत परेशान हूं।
इंस्पेक्टर नाका ने बताया मौके से पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। छानबीन में सामने आया है कि आकाश व्यापार नहीं चलने की वजह से परेशान चल रहा था। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजने के साथ ही मां की तहरीर पर मामला दर्ज करते हुए पुलिस गहनता से जांच कर रही है।