आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोंविद के नाम फाइनल करने के बाद आज शाम बसपा सुप्रीमो ने भी अपना पक्ष मीडिया के सामने रखा। मायावती ने कहा कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और केंद्र सरकार के वरिष्ठ मंत्री एम वकैंया नायडू ने टेलीफोन पर बताया है कि बीजेपी व एनडीए ने राष्ट्रपति पद के उम्मीद्वार के लिए दलित वर्ग से रामनाथ कोविंद का नाम तय कर दिया है।
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बसपा सुप्रीमो ने कहा कि रामनाथ कोविंद दलित वर्ग में कोरी जाति से ताल्लुक रखते हैं। साथ ही वे शुरु से ही अधिकांश समय बीजेपी व आरएसएस से ही जुड़े रहे हैं। इसलिए इनकी इस राजनैतिक पृष्ठभूमि से मैं बिल्कुल भी सहमत नहीं हूँ।
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लेकिन बीजेपी व एनडीए ने अब राष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीद्वार तय कर लिया है तो ऐसी स्थिति में रामनाथ कोविंद के दलित होने के नाते हमारी पाटी का स्टैण्ड नकारात्मक तो हो ही नहीं सकता।
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इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री ने समर्थन देने से पहले शर्त रखी है कि यदि विपक्ष से इस पद के लिए अन्य कोई दलित वर्ग का रामनाथ कोविंद से अधिक लोकप्रिय व काबिल उम्मीद्वार चुनाव के मैदान में नहीं उतरता है तो उनकी पार्टी कोविंद को ही सर्पोर्ट करेगी।
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मायावती ने एक बायान जारी करते हुए कहा कि राष्ट्रपति के उम्मीदवार के नाम की घोषणा करने से पहले एनडीए अपनी सभी विपक्ष की पार्टियों को गुड फेथ में ले लेते तो यह ज्यादा उचित रहता। इसके अलावा एनडीए किसी गैर राजनीतिक व्यक्ति का नाम राष्ट्रपति के लिए आगे करता तो यह भी बेहतर होता।
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हालांकि इनसे पहले दलित वर्ग से केआर नारायणन भी इस पद पर आसीन हो चुके हैं। लेकिन इसके साथ ही यहाँ मेरा यह भी कहना है कि यदि बीजेपी व इनका एनडीए इस पद के लिए दलित वर्ग से किसी गैर-राजनैतिक व्यक्ति को आगे करते तो यह ज्यादा बेहतर होता।