आरयू ब्यूरो
लखनऊ। मोदी सरकार के काले धन समेत अन्य मुद्दों को ध्यान में रखकर लगाए गए 500 और 1000 रुपये के नोटों के बैन पर गुरुवार को बसपा सुप्रीमो मायावतीन ने जमकर निशाना साधा। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि मोदी सरकार ने विधानसभा चुनाव के ठीक पहले अपने कार्यकाल की नाकामियों से जनता का ध्यान हटाने के लिए नोटों पर बैन लगाया है। काले धन पर केन्द्र सरकार की नियत साफ होती तो पूर्ण बहुमत की सरकार बनने के बाद भी उसे ढाई साल तक इंतेजार नहीं करना होता। यह बातें बसपा प्रमुख ने माल एवेन्यु स्थित स्टेट कार्यालय में अयोजित प्रेसवार्ता के दौरान कही।
महाभ्रष्टाचारियों को भगाने वालों से नहीं की जा सकती ईमानदारी की उम्मीद
उन्होंने आगे कहा कि जिस भाजपा की सरकार ने विजय माल्या और ललित मोदी जैसे महा भ्रष्टाचारियों को देश का पैसा लेकर भगाने का काम किया हो उससे काले धन के खिलाफ ईमानदारी से लड़ने की उम्मीद भी नहीं की जा सकती।
सैकड़ो पूंजीपतियों के यहां छापा मारने को कहते ‘सर्जिकल स्ट्राइक’
नोटों के बैन पर अमित शाह के उसे ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ बताने वाले बयान पर बसपा अध्यक्ष ने अमित शाह पर भी निशाना साधा। मायावती ने कहा कि अमित शाह को पता होना चाहिए कि सर्जिकल स्ट्राइक का दायरा सीमित होने के साथ ही लक्षित भी होता है। बैन को ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ बताना अमित शाह की मोदी के प्रति ‘अंधभक्ति’ प्रतीत होती है। अगर सरकार हिम्मत दिखाकर देश के 500 से 1000 पूंजीपतियों के यहां एक साथ छापेमारी करती तो इसे ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ कहा जा सकता था। देश की आम जनता भी इससे खुश होकर केन्द्र सरकार की सराहना करती, लेकिन जब देश भर की आम जनता खुद ही परेशान है तो ऐसे में इसे जबरदस्ती सर्जिकल स्ट्राइक बताकर खुश होना ठीक नहीं है।
धन्ना सेठों के लिए मोदी सरकार ने ढाई साल में किए जनविरोधी कार्य
मायावती ने कहा कि अपने करीब ढाई साल के कार्यकाल में नरेन्द्र मोदी ने अनेक जनविरोधी काम कर पूंजीपतियों और धन्ना सेठों को लाभ पहुंचाया है। इसी की देन हैं कि लोगों में चर्चा है कि नरेन्द्र मोदी ने उनके जरिए अपनी पार्टी बीजेपी को सौ साल राजनीत करने के लिए धन विदेशों में जमा करवा दिया है। इस दौरान बसपा सुप्रीमों ने दो दिनों से परेशान चल रही जनता की परेशानियों को भी गिनाया।