आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव बसपा की करारी शिकस्त के बाद भी बीएसपी सुप्रीमो मायावती की नाराजगी मीडिया से कम होती नहीं दिखाई दे रही है। मायावती ने मीडिया पर जातिवादी व घृणित रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए बसपा के सभी पांचों प्रवक्ताओं पर टीवी डिबेट व मीडिया के अन्य कार्यक्रमों में हिस्सा लेने पर रोक लगा दी है।
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साथ ही यूपी की पूर्व सीएम ने इन प्रवक्ताओं को नई जिम्मेदारी देने भी शुक्रवार को घोषणा की है। मायावती के इस ऐलान के बाद समझा जा रहा है कि मायावती पांचों प्रवक्ताओं को उत्तर प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में बसपा को नए सिरे से संगठित करने की जिम्मेदारी दी सकती हैं।
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मायावती ने आज इस बारे में ट्विट कर कहा कि यूपी विधानसभा आम चुनाव के दौरान मीडिया द्वारा अपने आकाओं के दिशा-निर्देशन में जो जातिवादी द्वेषपूर्ण व घृणित रवैया अपनाकर अंबेडकरवादी बीएसपी मूवमेंट को नुकसान पहुंचाने का काम किया गया है वह किसी से भी छिपा नहीं है। इस हालत में पार्टी प्रवक्ताओं को भी नई जिम्मेदारी दी जाएगी।
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साथ ही मायावती ने अपने अगले ट्विट में प्रवक्ताओं का जिक्र करते हुए कहा कि पार्टी के सभी प्रवक्ता सुधीन्द्र भदौरिया, धर्मवीर चौधरी, डा. एमएच खान, फैजान खान व सीमा कुशवाहा अब टीवी डिबेट आदि कार्यक्रमों में शामिल नहीं होंगे।
यूपी चुनाव प्रचार से परिणाम तक मीडिया पर हमलावर रहीं मायावती
बताते चलें कि मायावती मीडिया से लंबे समय से नाराज चल रहीं हैं। यूपी चुनाव प्रचार अभियान के दौरान जहां बसपा सुप्रीमो ने मीडिया द्वारा कवरेज नहीं देने का आरोप लगाया था। वह चुनाव परिणास से पहले आए मीडिया पोल को भी उन्होंने फर्जी बताते हुए निशाना साधा था। वहीं यूपी के चुनावी नतीजे आने के बाद कल भी मायावती ने मीडिया पर हमला बोलते हुए कहा था कि भाजपा की बी टीम बताकर मीडिया जातिवादि मानसिकता का परिचय दिया है। मीडिया के प्रचार के ही वजह से मुसलमानों ने भी अपना वोट सपा को दे दिया।