आरयू वेब टीम। विपक्ष की लगातार मांगों के बाद मोदी सरकार देश में जाति जनगणना कराने की मांग के लिए आखिरकार आज तैयार हो गयी। पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान से युद्ध की आहट के बीच आज केंद्र सरकार की कैबिनेट बैठक ने इसका फैसला लेते हुए देश में लोगों को चौंका दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट बैठक में जाति जनगणना कराने को मंजूरी मिली है। इसके साथ ही कई अन्य प्रस्तावों को भी आज कैबिनेट से हरि झंडी मिली है।
कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी देते हुए मीडिया को बताया है कि सरकार ने जाति जनगणना कराने का फैसला किया है। इस दौरान अश्विनी वैष्णव ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकारों ने जाति जनगणना का विरोध किया है। “1947 के बाद से जाति जनगणना नहीं हुई है। कांग्रेस ने जाति जनगणना की जगह जाति सर्वे कराया। यूपीए सरकार में कई राज्यों ने राजनीतिक दृष्टि से जाति सर्वे किया है।”
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि “जाति की जनगणना मूल जनगणना में ही सम्मिलित होना चाहिए। पीएम मोदी के नेतृत्व में राजनीतिक मामलों की कैबिनेट ने फैसला किया है कि जाति की जनगणना को आने वाली जनगणना में सम्मिलित करके किया जाए।” साथ ही कहा कि जाति आधारित जनगणना को कांग्रेस और इंडिया गठबंधन ने सिर्फ अपनी लाभ तक के लिए सीमित रखा है।
गन्ने का बढ़ाया गया एफआरपी
मोदी सरकार ने गन्ना किसानों को भी बड़ी सौगात दी है। गन्ने का एफआरपी बढ़ाया गया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “चीनी सीजन 2025-26 के लिए गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य 355 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है। ये बेंचमार्क मूल्य है, जिसके नीचे इसे नहीं खरीदा जा सकता है।”
शिलॉन्ग से सिलचर कॉरिडोर को मंजूरी
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि शिलॉन्ग से सिलचर कॉरिडोर को मंजूरी दी गई है। सरकार ने मेघालय से असम तक नए हाइवे को मंजूरी दी है, जो 166.8 किलोमीटर लंबा चार लाइन हाईवे होगा।
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इसके अलावा सिलचर से शिलांग और शिलांग से सिलचर एक बहुत बड़ी परियोजना हाई स्पीड कॉरिडोर हाईवे जो मेघालय और असम को जोड़ता है उसे मंजूरी मिली है। इसकी अनुमानित लागत 22,864 करोड़ रुपए है।”