जाति जनगणना की मांग को लेकर सपा का विधानसभा में हंगामा, वेल में दिया धरना

जाति जनगणना की मांग

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी विधानसभा में गुरुवार को जाति गणना के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी और रालोद ने जमकर हंगामा किया। जाति गणना की मांग पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना की प्रतिक्रिया से असंतुष्ट सपा और रालोद के सदस्य वेल पर उतर आए और सरकार विरोधी नारे लगाने लगे। अध्यक्ष ने उन्हें अपनी सीटों पर लौटने की चेतावनी दी, लेकिन सपा सदस्यों ने नारेबाजी जारी रखी। कुछ देर बाद शिवपाल यादव के नेतृत्व में सपा के सभी सदस्य वेल में धरने पर बैठ गए। आखिरकार स्पीकर को दो बार विधानसभा स्थगित करनी पड़ी।

प्रश्नकाल में सपा सदस्य मनोज पांडेय ने जानना चाहा कि क्या राज्य सरकार बिहार की तरह जाति गणना करेगी। उन्होंने कहा कि बिहार जैसे राज्य जातिगत जनगणना करवा रहे हैं लेकिन यूपी में जनगणना नहीं हो रही है। सरकार बताएगी कि जातिगत जनगणना कब होगी?

इस संबंध में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने सरकार की तरफ से जवाब देते हुए कहा कि जनगणना का विषय संविधान के अनुच्छेद-246 के तहत केंद्र सरकार के अधिकार में है। आगे कहा कि यूपी काफी तरक्की कर रहा है। हम नहीं चाहते कि उत्तर प्रदेश बिहार की तरह संकीर्ण सोच वाला हो जहां भाई-भतीजावाद हो, चारा खाने वाले लोग हों।

इस जवाब से असंतुष्ट सपा सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी। सभी सदस्य वेल में उतरकर नारे लगाने लगे कि दलित-पिछड़ों के खिलाफ सरकार नहीं चलेगी, नहीं चलेगी…। इस पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सपा सदस्यों को चेतावनी देते हुए कहा कि सभी सदस्य अपनी सीटों पर चले जाएं। सभी को अपनी सीटों पर आना चाहिए था अगर वे चाहते थे कि नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव सदन में बोलें, लेकिन सपा सदस्यों ने उनकी एक नहीं सुनी। वे नारे लगाते रहे और वेल में धरने पर बैठे रहे।

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वहीं विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि सदन में राजनीति की इजाजत कतई नहीं दी जा सकती. सपा सदस्य नहीं माने तो गुरुवार को निर्धारित विधानसभा की कार्यवाही पूरी करेंगे। एक-एक करके उन्होंने सदस्यों के नाम पुकारे, जिनमें से अधिकांश सपा सदस्य थे, कुछ अन्य प्रश्नों के लिए। उनके जवाब में सतीश महाना ने कार्यवाही जारी रखी, लेकिन सपा सदस्यों ने भी विरोध जारी रखा और नारेबाजी की। अंत में अध्यक्ष सतीश महाना ने 11 बजकर 43 मिनट पर सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी। इसके बाद उन्होंने संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना से उनके कक्ष में इस मुद्दे पर चर्चा की। बाद में हंगामा जारी रहने पर अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही  स्थगित कर दी।

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