अखिलेश ने कहा योगी सरकार का टारगेट, “युवा, किसान व व्‍यापारी समेत सब रहें परेशान” दीवाली बाद जनता को देगी महंगी बिजली का झटका

अखिलेश यादव
फाइल फोटो।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार की कार्यप्रणाली को लेकर हमला बोला है। बुधवार को अपने एक बयान में अखिलेश ने दावा करते हुए कहा है कि योगी सरकार का टारगेट है कि यूपी के युवा, किसान, व्‍यापारी व अधिवक्‍ता समेत हर कोई परेशान रहे।

यूपी के पूर्व सीएम ने कहा है कि सपा सरकार में किए गए कामों को भाजपा सरकार बर्बाद करने में लगी है। साइकिल ट्रैक पर्यावरण के लिहाज से उपयोगी योजना थी। उन्हें अतिक्रमण का शिकार बना दिया गया। इसी तरह विद्युत उपभोक्ताओं को तबाह करने की साजिशें शुरू हैं। जनता को मंहगी बिजली देने का मन बनाए ऊर्जा मंत्री जी चलाचली की बेला में साइकिल की सवारी करके और खुद ही बकाया वसूली करके जनता का ध्यान बंटाने का नाटक कर रहे हैं।

अखिलेश ने आगे कहा है कि जनता से धोखाधड़ी में पारंगत भाजपा सरकार ने उपचुनावों के मद्देनजर चुप्पी साधे रही अब दीवाली बाद बिजली महंगी कर यूपी की जनता को एक और झटका देगी।

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सपा अध्‍यक्ष ने हमला जारी रखते हुए कहा कि भाजपा सरकार 80 प्रतिशत घरेलू उपभोक्ताओं पर और बोझ डालेगी, जबकि ज्यादा बिजली खपत करने वालों पर राहत बरसेगी। इससे पहले भी बिजली दरों में वृद्धि की जा चुकी है। ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू तथा किसानों के नलकूप की बिजली दरों में भारी बढ़ोत्तरी हो चुकी है। यूपी में दस करोड़ से ज्यादा बिजली उपभोक्‍ता है। वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति चार से छह घंटा ही हो रही है। समाजवादी सरकार ने विद्युत क्षेत्र में जो सुधार किए थे उन्हें निष्प्रभावी बनाया जा रहा।

मीटर खरीद में है योगी सरकार का सबसे बड़ा घोटाला

वहीं अखिलेश ने आरोप लगाते हुए आज पत्रकारों से यह भी कहा है कि योगी सरकार का सबसे बड़ा घोटाला मीटर खरीद में है। पिछले तीन वर्षों में प्रदेश में करीब 2000 करोड रूपये के इलेक्ट्रिानिक मीटर, 500 करोड़ रूपये के करीब 12 लाख स्मार्ट मीटर खरीदे गए हैं। बिना किसी जांच ग्रामीण क्षेत्र में सौभाग्य योजना के अंतर्गत गरीबों के घर में बिजली मीटर लगते हैं। पावर टेक कंपनी से खरीदे गए मीटरों में तकनीकी खामियां और बड़े पैमाने पर लोड जम्पिंग की शिकायते सामने आई है। इन मीटरों को लगाते समय मीटर की संचार प्रणाली का टेस्ट नहीं किया गया। नई परियोजना या साफ्टवेयर जब किसी नई योजना के लिए लागू होता है तो पहले यूजर एक्सेंप्टेस टेस्ट (यूएटी) कई चरणों में होता है, इसे भी नहीं किया गया। वहीं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम ने तो घोटाले में घोटाला का अभूतपूर्व काम किया है। उसने ऐसे मीटर लिए जो बिना लगे ही मीटर रीडिंग कर देते है।

मीटर घोटाले को दबाने की कौन कर रहा साजिश

अखिलेश ने सवाल उठाते हुए आगे कहा कि घरों में बिना मीटर लगाए ही ऑनलाइन सिस्टम में मीटर फीड के मामले चौंकाने वाले हैं। इसकी वजह से उपभोक्ताओं के घरों में गलत बिल आने लगे। क्वालिटी निगरानी न करने के जो दोषी है उन पर अभी तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं हुई? ऊपर से नीचे तक मीटर घोटाले को दबाने की साजिश कौन कर रहा है? भाजपा सरकार को विभाग की गड़बड़ देखने की फुर्सत नहीं। बिजली विभाग भगवान भरोसे है। भाजपा सरकार में उपभोक्ताओं की शामत तय है।

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