प्रधानमंत्री के अन्‍नदाताओं को उद्यमी बनाने वाले बयान पर बोले अखिलेश, सरकार किसानों को भी आयकर के दायरे में लाने की कर रही साजिश

अखिलेश यादव

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसानों को उद्यमी बनाने वाले बयान को लेकर यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। अखिलेश ने गुरुवार को कहा है कि सरकार किसानों को भी आयकर के दायरे में लाने की साजिश कर रही है।

अपने एक बयान में अखिलेश ने आज कहा है कि भाजपा सरकार अन्नदाताओं के साथ कई तरह के छलकपट करने की रणनीति बनाने में व्यस्त है। किसानों के खेत छीनने की मंशा के साथ प्रधानमंत्री ने अब उसे ‘उद्यमी‘ बनाने की ओर प्रयास करने की साजिश की ओर भी इशारा कर दिया है। इसका सीधा अर्थ है कि भाजपा सरकार अब किसानों को भी आयकर के दायरे में भी लाना चाहती है। किसान को अभी तक मिलने वाले लाभों को शीघ्र ही समाप्त कर दिया जाएगा।

वहीं अखिलेश ने कहा है कि सपा की स्पष्ट राय है कि किसान को अन्नदाता की श्रेणी में रहने दिया जाए, लेकिन कृषि को उद्योगों जैसी सुविधाएं मिलनी चाहिए। हाल ही में कृषि से संबंधित पास किए गए तीनों कानून किसानों के हितों के विरूद्ध है। इसके खिलाफ किसानों में व्यापक आक्रोश है। उसकी योजना अन्नदाता को खेतिहर मजदूर बना देने की है। किसान की खेती कारपोरेट को सौंप दी जाएगी। उसकी फसल का सौदा भी अब बड़े एजेंटों व व्यापारियों की मर्जी पर होगा।

यह भी पढ़ें- सपा ने घोषित किए यूपी विधानसभा उपचुनाव के प्रत्‍याशी, इन नेताओं पर जताया भरोसा, RLD के लिए भी छोड़ी सीट

अखिलेश ने आज आरोप लगाते हुए यह भी कहा है कि वास्तव में भाजपा सरकार किसानों के साथ सिर्फ छलावा करती आई हैं। किसानों की कर्जमाफी या उनकी आय दुगनी करने की बात हो अथवा उनकी फसल की लागत का डेढ़ गुना दाम देने की भाजपा सरकार इनमें से एक भी वादा पूरा नहीं कर पाई है। इसके बजाय सरकार तरह-तरह के प्रपंच रचने में लगी है।

किसानों के योग्‍दान को लेकर यूपी के पूर्व सीएम ने कहा कि अन्नदाता  न सिर्फ सबका पेट भरता है, अपितु देश की सीमाओं के रक्षा के लिए अपने बेटे भी देता है। जीडीपी में वृद्धि और रोजगार की उपलब्धता भी किसान से जुड़ी है। इसके अलावा लॉकडाउन में अर्थव्यवस्था में जो भारी गिरावट आई है उसके उद्धार में भी कृषि क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका आंकी गई है। भाजपा सरकार किसान को राहत देने, उसका कर्जमाफ करने, उसकी सभी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सुनिश्चित कराने, गन्ना किसानों का बकाया समय से दिलाने आदि के मामलों में तो पूरी तरह निष्क्रिय नजर आ रही। जहां किसानों की जमीनों का अधिग्रहण हुआ वहां उन्हें समय से छह गुना लाभप्रद मुआवजा भी नहीं मिला। भाजपा सरकार जनता को सिर्फ परेशान करना जानती है।

अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें- अन्‍नदाताओं की आमदनी पर बोले PM मोदी, किसानों को उद्यमी बनाने का प्रयास कर रही सरकार