मोहन भागवत की फोटो से छेड़छाड़ करने पर पूर्व महिला विधायक को दो साल की सजा

मोहन भागवत की फोटो से छेड़छाड़

आरयू वेब टीम। 

आपको भी अगर लोगों की फोटो से छेड़छाड़ कर उसे आपत्तिजनक बनाने की आदत है तो सावधान हो जाइये। क्‍योंकि एक फोटो से ही छेड़छाड़ करने पर पूर्व महिला विधायक को अदालत ने दो साल की सजा सुना दी है।

दरअसल भोपाल की जिला अदालत ने कांग्रेस की पूर्व विधायक कल्पना परूलेकर को यह सजा सुनाई है। पूर्व विधायक पर आरोप था कि उन्‍होंने फोटो में छेड़छाड़ करते हुए तत्कालीन लोकायुक्त जस्टिस पीपी नावलेकर का चेहरा संघ प्रमुख मोहन भागवत के चेहरे पर लगाया है।

अपर-सत्र न्यायाधीश अरविंद कुमार गोयल ने परूलेकर को सजा सुनाने के बाद उन्हें हाईकोर्ट में अपील अवधि तक सक्षम जमानत पर छोड़ दिया है। अदालत ने कल्पना को आईटी कानून एवं भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी करार दिया।

जानें क्‍या बोली अदालत

मामले में फैसला सुनाते हुए अदालत ने कहा कि कल्पना परूलेकर की हैसियत लोकतांत्रिक संवैधानिक संस्था के सदस्य की है, लेकिन ऐसे आचरण की किसी निर्वाचित जनप्रतिनिधि से कतई अपेक्षा नहीं की जा सकती है। इससे जन सामान्य में गलत संदेश जाता है। परूलेकर ने योजनाबद्घ तरीके से जानबूझकर ऐसा काम किया है, इसलिए दंड दिया जाना आवश्यक है, ताकि मात्र निर्वाचित जनप्रतिनिधि होने के कारण कोई भी राजनैतिक व्यक्ति इस प्रकार का आपराधिक कृत्य करने से दूर रहे।

ये था मामला

उज्‍जैन के महिदपुर से निर्वाचित तत्कालीन कांग्रेस विधायक परूलेकर ने 29 नवंबर 2011 को विधानसभा शीतकालीन सत्र के दौरान पत्रकार वार्ता में तत्कालीन लोकायुक्त जस्टिस पीपी नावलेकर पर संघ से रिश्ता होने के आरोप लगाए थे। कल्पना ने कहा था कि नावलेकर के ससुर बीजेपी सांसद हैं इसलिए संघ के दबाव के कारण ही उन्हें लोकायुक्त पद सौंपा गया है। इस दौरान अपनी बात को प्रमाणित करने के लिए परूलेकर ने पत्रकारों के बीच नावलेकर को संघ के गणवेश में प्रार्थना करते हुए दर्शाया था।

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इसके बाद शीतकालीन सत्र में कांग्रेस द्वारा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। विधानसभा में इस मुद्दे को लेकर पक्ष और विपक्ष में भी तीखी नोकझोंक हुई। आरोपों को लेकर अधिवक्ता गोपालकृष्ण दंडोतिया ने एसटीएफ थाने और साइबर थाने में लिखित शिकायत की थी। शिकायत में कहा गया कि परूलेकर ने फोटो टेंपरिंग कर लोकायुक्त जस्टिस नावलेकर पर झूठे आरोप लगाए हैं।

जांच में पता चला कि पत्रकार वार्ता के दौरान परूलेकर द्वारा जो फोटो दिखाया गया था, वह 18 अप्रैल 2010 को रांची (झारखंड) स्थित मोहरावादी मैदान का था। फोटो में असल चेहरा संघ प्रमुख मोहन भागवत का था, जो संघ के समागम कार्यक्रम में प्रार्थना करते हुए दिखाई दे रहे थे। परूलेकर ने इसी फोटो में फोटो टेंपरिंग कर भागवत के चेहरे के स्थान पर नावलेकर का चेहरा लगा दिया था। इसके बाद परूलेकर के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया और बाद में मामला सीआईडी को सौंप दिया गया था।

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