मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की उलमा-बुद्धिजीवियों से अपील, इस्लाम व मुसलमानों का मजाक उड़ाने वाले TV चैनलों की डिबेट्स में न हों शामिल

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। निलंबित भाजपा नेता नूपुर शर्मा द्वारा पैगम्बर मोहम्मद को लेकर की गई टिप्पणी के बाद शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। मुस्लिम समाज की नाराजगी के बीच कुछ टीवी चैनल भी इस मामले को लेकर उत्‍तेजक डिबेट्स कर रहे हैं। इस बीच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने एक बयान जारी कर आग्रह किया है कि उलमा और बुद्धिजीवी इस्‍लाम और मुसलमानों का मजाक उड़ाने वाले टीवी चैनलों की डिबेट्स में शामिल न हों।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बयान जारी कर उलमा और बुद्धिजीवियों से आग्रह किया है कि वे टीवी चैनलों की बहसों में भाग नहीं लें। बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी व अन्‍य के हवाले से जारी बयान में कहा गया है कि सभी मुस्लिमों उलेमाओं और बुद्धिजीवी वर्ग से अपील है कि वह उन टीवी चैनलों में बहस और डिबेट में भाग ना लें। जिनका उद्देश्य केवल इस्लाम और मुस्लिमों का उपहास करना है मजाक उड़ाना है।

ऐसे किसी भी कार्यक्रम में कोई भी मुसलमान भाई भाग ना लें, क्योंकि ऐसे में वे इस्लाम और मुस्लिमों की सेवा नहीं कर पाते, बल्कि परोक्ष रूप से इस्लाम और मुस्लिमों का अपमान करवाते हैं। हंसी का पात्र बनते हैं ऐसे कार्यक्रमों का उद्देश्य रचनात्मक चर्चा के बजाय मीडिया के माध्यम से किसी निष्कर्ष पर पहुंचना नहीं, बल्कि इस्लाम और मुस्लिमों का मजाक उड़ाते हुए उन्हें बदनाम करना मात्र है।

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साथ ही कहा कि न्यूज चैनल अपनी तटस्थता साबित करने के लिए एक मुस्लिम चेहरे को भी हमेशा बहस में शामिल करना चाहते हैं हमारे उलमा और बुद्धिजीवी अज्ञानता वश इस षड्यंत्र के शिकार हो जाते हैं। अगर हम इन कार्यक्रम और चैनलों का बहिष्कार करते हैं तो इससे ना केवल उनकी टीआरपी कम होगी, बल्कि वह अपने उद्देश्य में पूरी तरह से विफल साबित होंगे।

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