नहीं हो सका रमजान के चांद का दीदार, जुमे को होगा पहला रोजा, मरकजी कमेटी ने किया ऐलान

रमजान का चांद
लखनऊ में चांद देखने की कोशिश करते धर्मगुरु।

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। सूबे की राजधानी में बुधवार शाम रमजान के चांद का दीदार नहीं हो सका। चांद देखने के लिए लोग घंटों तक आसमान में निगाहें जमाए रहे, लेकिन चांद नहीं दिखा। इसलिए रमजान का पवित्र महीना आधिकारिक तौर पर शुक्रवार (जुमा) से शुरू होगा। रमजान का चांद दिखने के बाद शुरू होने वाली विशेष नमाज-ए-तरावीह से इबादतगाहें गुरुवार काे रोशन हाेंगी। मरकजी चांद कमेटी ने रमजान का चांद न दिखने की पुष्टी कर दी है।

कमेटी के अध्यक्ष मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बताया कि रमजान का चांद बुधवार को नहीं दिखाई दिया। वहीं शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष माैलाना सैफ अब्बास नकवी ने भी चांद न दिखने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि पहला रोजा शुक्रवार को रखा जाएगा। इसके अलावा इदारा शरिया हिलाल कमेटी के अध्यक्ष मौलाना अबुल इरफान मियां फिरंगी महली ने रमजान का चांद न होने की घोषणा की है।

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बता दें कि रमजान महीना शाबान महीने के बाद आता है। इस महीने मुस्लिम समुदाय के सभी लोगों के लिए रोजा रखना अनिवार्य माना गया है। रोजा रखने के साथ ही नमाज पढ़ना भी जरूरी होता है। ऐसी मान्यता है कि रमजान में की गई हर इबादत से अन्य दिनों के मुकाबले 70 गुना अधिक सवाब मिलता है। रमजान महीने का उद्देश्य आध्यात्मिक भक्ति को बढ़ाना और अल्लाह से अपने आप को जोड़ना है। इसलिए इस महीने अधिक से अधिक समय इबादत में बिताया जाता है।

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