आरयू ब्यूरो, लखनऊ। बिजली और पानी के समस्या से नाराज किसानों ने हजरतगंज स्थित शक्ति भवन का घेराव कर भारतीय किसान यूनियन (भानु) गुट ने प्रदर्शन किया। जहां संगठन के नेतृत्व में लखनऊ और आस-पास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में किसान प्रदर्शन में शामिल हुए।प्रदर्शनकारियों ने शक्ति भवन और श्रीराम टावर के बीच की सड़क को घेरकर विरोध जताया। इससे हजरतगंज क्षेत्र में यातायात बाधित हो गया।
दरअसल आज हजारों की तादाद में किसान ट्रैक्टर- ट्रॉली और गाड़ियों के काफिले के साथ शक्ति भवन पहुंचे और सड़क पर धरना शुरू कर दिया। प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि सरकार ने नलकूपों के लिए 15 घंटे बिजली देने का वादा किया था, लेकिन हकीकत में मुश्किल से छह से सात घंटे ही सप्लाई मिल रही है, वह भी लगातार कटौती के साथ। बार-बार बिजली गुल होने से खेतों की सिंचाई बाधित हो रही है और किसान परेशान हैं।
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अन्नू ने मीडिया से बातचीत में कहा कि, “हर दो घंटे पर बिजली कटौती कर दी जाती है। ऐसी स्थिति में खेती करना नामुमकिन है।लाइनमैन भी किसानों की समस्याएं सुनने को तैयार नहीं हैं। जब तक लिखित आश्वासन नहीं मिलेगा, धरना समाप्त नहीं होगा।” मुख्यमंत्री आवास घेरने की चेतावनी देते हुए
प्रदर्शनकारियों ने अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन और उग्र होगा।
किसानों की तीन बड़ी मांगें
नलकूपों के लिए न्यूनतम 15 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति।
खराब पड़े ट्रांसफॉर्मरों को 24 घंटे के भीतर बदला जाए।
किसानों को नलकूप की बिजली मुफ्त उपलब्ध कराई जाए।
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इस आंदोलन में 19 जनपदों से करीब 5000 से अधिक किसान शामिल हुए हैं। संगठन के महासचिव रणविजय सिंह ने आरोप लगाया कि योगी सरकार ने किसानों से किए वादे पूरे नहीं किए। उन्होंने कहा, “बिजली मुफ्त होने की घोषणा तो हुई थी, लेकिन जब बिजली ही नहीं मिलेगी तो इसका फायदा क्या? सात घंटे सप्लाई में भी 20 बार कटौती कर दी जाती है।”