नरसिंहानंद के जहरीले बयान से फैली अशांति पर मायावती ने कहा, प्रदर्शनकारियों पर हुई कार्रवाई, लेकिन असली दोषी है भयमुक्त

मायावती

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। गाजियाबाद के डासना स्थित मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद के पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ दिए गए जहरीले बयान से समुदाय विशेष में काफी आक्रोश है। वहीं अब बसपा प्रमुख मायावती ने इस आपत्तिजनक और नफरत भरे बयानों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि महंत के बयान से गाजियाबाद समेत देश के कई हिस्सों में अशांति और तनाव की स्थिति पैदा हो गई है। ऐसे में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर तो कार्रवाई की, लेकिन महंत पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, जो कि असली दोषी भयमुक्त हैं।

यति नरसिंहानंद पर निशाना साधते हुए रविवार को यूपी की पूर्व सीएम ने एक्स पर पोस्टकर कहा कि
यूपी के गाजियाबाद में डासना देवी मन्दिर के महंत द्वारा इस्लाम मजहब के खिलाफ फिर से नफरती बयानबाजी की गयी, जिससे उस पूरे इलाके में तथा देश के कई हिस्सों में भी अशान्ति व तनाव की स्थिति उत्पन्न है। पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ तो कार्रवाई की गयी किन्तु मूल दोषी भयमुक्त है।

वहीं अपने दूसरे पोस्ट में मायावती ने कहा कि जबकि भारतीय संविधान धर्मनिरपेक्षता अर्थात् सभी धर्मों का बराबर आदर-सम्मान की गारंटी सुनिश्चित करता है। अतः केन्द्र व राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है कि वे इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करे ताकि देश में शान्ति रहे तथा विकास भी बाधित न हो।

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गौरतलब है कि गाजियाबाद पुलिस की ओर से महंत के खिलाफ एक एफआइआर दर्ज की गई है। एफआइआर में जिन धाराओं का जिक्र किया गया है, उसमें सजा का प्रावधान तीन साल से कम है। नरसिंहानंद पर पहले भी विवादित बयान देने के मामले में एफआइआर दर्ज की जा चुकी है, लेकिन ठोस कार्रवाई न होने के कारण स्थानीय लोगों में असंतोष और आक्रोश है।

बता दें कि यति नरसिंहानंद ने पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी की थी, जिसके बाद से बवाल बढ़ता जा रहा है। गाजियाबाद के अलावा मेरठ, बुलंदशहर समेत कई अन्य शहरों में भी प्रदर्शन और विरोध होता रहा। कई जगहों पर पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा। इस मसले को लेकर राजनीतिक टीका-टिप्पणी और बयानबाजी भी जारी है।

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