आरयू वेब टीम। महाराष्ट्र सरकार गठन को लेकर सियासी ड्रामा के बीच एनसीपी ने एक बार फिर 51 विधायकों के समर्थन का दावा किया है। एनसीपी विधायक दल के नेता जयंत पाटिल 51 विधायकों के हस्ताक्षर की चिट्ठी लेकर राजभवन पहुंचे हैं। वहीं एनसीपी अब भी 49-50 विधायकों के समर्थन की बात कर रही है, जबकि शिवसेना की ओर से कहा गया, “शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के पास 165 विधायक हैं।
शिवसेना ने कहा कि अगर राज्यपाल पहचान परेड के लिए बुलाते हैं, तो दस मिनट में हम अपना बहुमत साबित कर देंगे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने आज गवर्नर हाउस में राजभवन के अधिकारियों से मुलाकात की और अपने वर्तमान विधायक दल और विधायक दल के नेता की सूची सौंपी।
वहीं एनसीपी के नेता छगन भुजबल ने रविवार को पुष्टि की कि 49-50 विधायक पार्टी प्रमुख शरद पवार के साथ हैं। भुजबल ने मीडिया से कहा, “पार्टी के करीब 49-50 विधायक अभी हमारे साथ हैं और एक-दो भी आ रहे हैं। सभी विधायकों को एक साथ रखा गया है। राकांपा-कांग्रेस-शिवसेना महाराष्ट्र में सौ फीसदी सरकार बनाएगी।”
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वही शिवसेना नेता संजय राउत ने रविवार को दावा किया कि शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन के पास महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए 165 विधायकों का समर्थन है। यहां पत्रकारों से बातचीत में राउत ने आरोप लगाया कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने ‘‘फर्जी’’ दस्तावेजों के आधार पर भाजपा के देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में नयी सरकार के गठन की इजाजत दी।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को बहुमत साबित करने के लिए दी गई 30 नवंबर की समय सीमा केवल इसलिए दी गई, ताकि दल बदल कराया जा सके। राउत ने कहा, ‘‘शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के पास 165 विधायक हैं। अगर राज्यपाल पहचान परेड के लिए बुलाते हैं तो दस मिनट में हम अपना बहुमत साबित कर सकते हैं।’’ साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि 23 नवंबर का दिन महाराष्ट्र के इतिहास में ‘‘काला शनिवार’’ था। शिवसेना नेता ने कहा कि भाजपा को इंदिरा गांधी द्वारा लगाए आपातकाल को ‘‘काला दिवस’’ कहने का कोई अधिकार नही है।