आरयू ब्यूरो
लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खुद के फकीर बताने वाले बयान पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने जोरदार हमला बोला है। मायावती ने स्टेट कार्यालय पर आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि अनुभव बताता है कि नरेन्द्र मोदी जो कहते हैं, हमेशा उसका उल्टा ही करते हैं। वह अब खुद को फकीर बता रहे हैं, जबकि वह धन्नासेठों और पूंजीपतियों के हितैषी के साथ ही संरक्षक भी हैं। यह बात किसी से छिपी नहीं है।
नरेन्द्र मोदी के लोकसभा चुनाव के पहले के वादों और दावों को गिनाते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की इस प्रकार की जुमलेबाजी में अब जनता फंसने वाली नहीं है। प्रधानमंत्री को चाहिए कि लोगों की आंखों में धूल झोंकना बंद करने के साथ ही बात कम और काम अधिक करके दिखाएं।
‘बसपा शासनकाल में भाजपा कमजोर तो सपा में हुई मजबूत’
मायावती ने कहा की बसपा के शासनकाल में भाजपा हमेशा कमजोर हुई है, जबकि सपा के समय में मजबूत। आंकड़े इस बात के गवाह हैं। उन्होंने मुसलमानों को अगाह करते हुए दावा किया कि सपा और भाजपा मिली हुई है।
सपा के साथ ही कांग्रेस को वोट देने का मतलब है भाजपा को मजबूत करना। इस बार तो सपा का मूल वोट बैंक भी चाचा-भतीजे के वर्चस्व की लड़ाई में दो भागों में बंट चुका है।
जनधन खातों में जमा पैसों से अब प्रधानमंत्री अपनों चहेते पूंजीपितयों को फायदा पहुंचाने के लिए षडयंत्र कर रहे हैं। इसकी शुरूआत आज से उन्होंने कर दी है, जनता इनके बहकावें में बिल्कुल न आए।
भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रधानमंत्री का रेकार्ड नहीं रहा है ठीक
बसपा सुप्रीमो ने एक सवाल के जवाब में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भ्रष्टाचार के खिलाफ पहले भी रेकार्ड ठीक नहीं रहा है। मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए लोकायुक्त नहीं होने दी थी, और अब अपने ढाई साल के प्रधानमंत्री के कार्यकाल में केन्द्र में भी लोकपाल की नियुक्ति नहीं की।
प्रधानमंत्री की यह हरकतें साबित करती है कि नोटबंदी अपने वायदों को भुलाने और नाकामियों को छिपाने के लिए की गई है। स्वार्थ के लिए आधी-अधूरी तैयारी के साथ लिए गए मोदी सरकार के इस फैसले से 100 से ज्यादा लोगों की जानें जा चुकी है, साथ ही देश की बेकसूर 90 प्रतिशत जनता आज भी खुले आसमान के नीचे लाइन लगाए खड़ी है।