आरयू वेब टीम। नोटबंदी की चौथी वर्षगांठ को जहां कांग्रेस समेत लगभग सभी विपक्षी दल व अन्य लोग काले दिवस व तबाही दिवस के रुप में आज मना रहें हैं। वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए आज से चार साल पहले लागू किए गए नोटबंदी के फैसले से कालेधन पर अभूतपूर्व तरीके से अंकुश लगा और टैक्स के मोर्चे पर बेहतर अनुपालन देखने को मिला है। साथ ही डिजिटल इकोनॉमी को बहुत अधिक मजबूती मिली है।
सीतारमण के कार्यालय ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर कहा है कि नोटबंदी के बाद कराये गए सर्वेक्षणों में यह बात सामने आई कि इस कदम से कई करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति का पता चला। उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन क्लीन मनी’ से देश की अर्थव्यवस्था को संगठित करने में मदद मिली।
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सीतारमण ने कहा है, ”नोटबंदी से ना सिर्फ पारदर्शिता आई है बल्कि टैक्स बेस बढ़ा है। इससे नकली नोट और उसके प्रसार पर अंकुश लगाने में मदद मिली।” वित्त मंत्री ने नोटबंदी के अन्य फायदों को गिनाते हुए कहा है कि इस कदम के बाद इनकम टैक्स भरने वाले नए लोगों की संख्या में बढ़ोत्तरी देखने को मिली।
इसके अलावा नोटबंदी के बाद कॉरपोरेट टैक्स रिटर्न की संख्या में भी बढ़ोत्तरी देखने को मिली। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह और डायरेक्ट टैक्स टू जीडीपी रेसिओ में सुधार देखने को मिला। वित्त मंत्री ने नोटबंदी के अन्य फायदों को गिनाते हुए कहा है कि इस कदम के बाद इनकम टैक्स भरने वाले नए लोगों की संख्या में बढ़ोत्तरी देखने को मिली। इसके अलावा नोटबंदी के बाद शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह और डायरेक्ट टैक्स टू जीडीपी रेसिओ में सुधार देखने को मिला।
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वहीं केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है, ”नोटबंदी से देश के नागरिकों को डिजिटल भुगतान को अपनाने का बल मिला। अक्टूबर, 2020 में यूपीआइ ट्रांजैक्शन्स की संख्या दो अरब के आंकड़े को पार कर गई। यह दिखाता है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोग डिजिटल भुगतान को अपना रहे हैं।”