आरयू ब्यूरो,लखनऊ। अपर सत्र न्यायाधीश पीएम त्रिपाठी ने पूर्व आइपीएस अमिताभ ठाकुर की पत्नी अधिवक्ता नूतन ठाकुर की अग्रिम जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। नूतन ठाकुर पर अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी के समय पुलिस अभिरक्षा से छुड़ाने और सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप लगा था।
अदालत में बहस के दौरान कहा गया था कि अमिताभ ठाकुर को बीती 27 अगस्त को आवास से पुलिस ने गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के समय पुलिस फोर्स बिना अधिकार पत्र के उनके घर में घुसी थी, जिसका उन्होंने विरोध किया था। अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी बिना सक्षम अदालत के आदेश पर की गई थी।
जिसपर नूतन ठाकुर ने कहा कि उनके द्वारा अवैध गिरफ्तारी का विरोध मौलिक अधिकारों के दायरे में रहते हुए किया गया था जो कि न्यायोचित था। नूतन ठाकुर की अर्जी का विरोध करते हुए कहा गया कि जिस समय पुलिस अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी कर रही थी उस समय नूतन ठाकुर द्वारा सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाई गई, उन्हें पुलिस अभिरक्षा से छुड़ाने का प्रयास किया गया। इसके बाद अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि याची अधिवक्ता है और उसके भागने या साक्ष्य को प्रभावित करने का कोई आधार नहीं है, जिसके कारण उसे अग्रित जमानत पर छोड़ा जाना उचित होगा।
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बता दें कि अमिताभ ठाकुर को 27 अगस्त को लखनऊ पुलिस ने गिरफ्तार किया था। अमिताभ ठाकुर पर सुप्रीम कोर्ट के आगे आत्मदाह करने वाले जोड़े ने आरोप लगाया था कि वह महिला का रेप करने वाले सांसद अतुल राय की मदद कर रहे थे। इन दोनों की बाद में इलाज के दौरान मौत हो गयी। पुलिस ने अमिताभ ठाकुर को रेप पीड़िता को आत्मदाह के लिए उकसाने और रेप आरोपी सांसद अतुल राय की मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
गौरतलब है कि योगी सरकार के खिलाफ खुलकर बोलने वाले पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को जबरन रिटायर कर दिया गया था। उनके खिलाफ लखनऊ पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के बाहर आत्मदाह करने वाली रेप पीड़िता को आत्महत्या के लिए उकसाने को लेकर मामला दर्ज किया था, जिसके बाद उनकी गिरफ्तार किया था।