ओम प्रकाश राजभर का योगी सरकार को झटका, कहा पिछड़ों को नहीं दिला पा रहा अधिकार इसलिए छोड़ रहा हूं प्रभार

पिछड़ा वर्ग कल्याण

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। अपनी ही सरकार को निशाने पर लेने वाले योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने गुरुवार को योगी सरकार को एक बार फिर झटका दिया है। लोकसभा चुनाव से पहले मची राजनीतिक उथल-पुथल के बीच आज सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने अपना प्रभार छोड़ने की बात कही है।

योगी सरकार के मंत्री ने सीएम को पत्र लिखकर कहा कि वह पिछड़ों को उनका अधिकार नहीं दिला पा रहे, इसलिए पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का प्रभार छोड़ रहे हैं। ओम प्रकाश राजभर के पास अभी पिछड़ा वर्ग-दिव्यांगजन सशक्तिकरण का विभाग भी है।

राजभर ने अपने पत्र में सरकार के द्वारा पिछड़े वर्ग के छात्र/छात्राओं की छात्रवृत्ति, शुल्क प्रतिपूर्ति न किए जाने पर और पिछड़ी जातियों को 27 फीसदी आरक्षण का बंटवारा सामाजिक न्याय समिति के रिपोर्ट के अनुसार ना करने पर रोष जताया है। उन्‍होंने ये भी कहा है कि पिछड़ा वर्ग को उनसे बहुत आशाएं हैं, लेकिन वो उनकों उनका अधिकार नहीं दिला पा रहें हैं, इसलिए इस प्रभार को सीएम को सौंप रहें हैं।

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बताते चलें कि ओम प्रकाश राजभर योगी सरकार की कार्यप्रणाली के चलते काफी समय से नाराज चल रहे हैं। वो भाजपा सरकार के खिलाफ खुलकर बोले जाने के लिए भी जाने जाते हैं। बीते दिनों अखिलेश यादव ने सपा-बसपा गठबंधन का ऐलान करते हुए संकेत दिए थे कि उनकी ओम प्रकाश राजभर से बात चल रही है।

ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी के साथ आई थी। हालांकि, जब से सरकार बनी है तभी से ओम प्रकाश राजभर सरकार के खिलाफ बयान देते रहे हैं। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की राजभर समुदाय के बीच पकड़ मजबूत है। माना जाता है कि यही वजह है कि योगी सरकार भी उनकी खुली बगावत को अब तक नजरअंदाज ही करती आई है।

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वहीं 2017 के विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी के 4 विधायक जीतने में सफल रहे थे। राजभर का जनाधार पूर्वांचल के बलिया, गाजीपुर, मऊ और वाराणसी क्षेत्र में है। ऐसे में अगर वो लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा से नाता तोड़कर अलग होते हैं, तो पार्टी के लिए बड़ा झटका हो सकता है।