पहलगाम हमले के जवाब में इंडियन आर्मी ने चलाया ‘ऑपरेशन सिंदूर’, पाकिस्‍तान-PoK में किये नौ आतंकी ठिकाने तबाह

ऑपरेशन सिंदूर
इंडियन आर्मी के हमले से उठता आग का गुबार।

आरयू वेब टीम। भारत ने पहलगाम आतंकी हमले का बदला ले लिया है। इंडियन आर्मी, वायु सेना और नौसेना ने मिलकर पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर में हमलाकर नौ आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। इन ठिकानों पर लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकियों को निशाना बनाया गया। भारत ने पाकिस्तान पर हुई इस कार्रवाई को ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया है।

प्रेसवार्ता कर इसकी जानकारी इंडियन आर्मी ने देते हुए बताया कि लक्ष्यों के बारे में आर्मी के पास विश्वस्त जानकारी थी, जिसके आधार पर ऑपरेशन को लॉन्च किया गया और साल 2008 के मुंबई आतंकी हमले की साजिश भी यहीं रची गई थी। भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा कि इस बात का खास ख्याल रखा गया कि कोई आम नागरिक निशाना न बनें। सिर्फ आतंकी संगठनों को निशाना बनाया गया।

कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर पर आज ब्रीफिंग देते हुए बताया कि छह और सात मई की दरमियानी रात को 1:05 बजे से 1:30 बजे तक ऑपरेशन चला। नौ आतंकी कैंप को बर्बाद किया गया। कर्नल सोफिया ने बताया कि विश्वसनीय सूचनाओं के आधार पर इन लक्ष्यों का चयन किया गया, निर्दोष नागरिकों को नुकसान न पहुंचे, इसका ख्याल रखा गया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अगर किसी भी प्रकार की हिमाकत करेगा तो उसका करारा जवाब दिया जाएगा।

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साथ ही सोफिया कुरैशी ने कहा कि पहलगाम के विभत्स हमले के शिकार मासूम नागरिकों और उनके परिवार को न्याय देने के लिए ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया गया था। इस कार्रवाई में नौ टेरेरिस्ट कैंप्स को निशाना बनाया गया और पूरी तरह से इन्हें बर्बाद कर दिया गया। पाकिस्तान में तीन दशकों से टेरेरिस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो रहा है। ऑपरेशन में रिक्रूटमेंट सेंटर, ट्रेनिंग एरिया और लॉन्च पैड्स को तबाह किया गया है, जो पाकिस्तान और पीओजेके में फैले हैं।

लश्कर-ए-तैयबा का था ट्रेनिंग सेंटर

कर्नल सोफिया कुरैशी ने पहले पीओके में तबाह आतंकी संगठनों के बारे में बताया कि हमले में तबाह मुजफ्फराबाद का सवायनाला कैंप पीओजेके के लाइन ऑफ कंट्रोल से 30 किमी की दूरी पर है। ये लश्कर-ए-तैयबा का ट्रेनिंग सेंटर था, जहां से पिछले साल अक्टूबर में हुए सोनमर्ग और गुलमर्ग हमले और अब 22 अप्रैल के पहलगाम हमले के आतंकियों ने इसी ट्रेनिंग सेंटर से ट्रेनिंग ली थी।

सईदना बिलाल कैंप भी तबाह

वहीं मुजफ्फराबाद का सईदना बिलाल कैंप भी तबाह किया गया है, जो जैश-ए-मोहम्मद का स्टेजिंग एरिया है और हथियार, विस्फोटक और जंगल सर्वाइवल ट्रेनिंग का केंद्र भी था, जबकि कोटली का गुलपुर कैंप एलओसी से 30 किमी की दूरी पर था और लश्कर-ए-तैयबा का बेस था।

कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया कि ऑपरेशन में तबाह ये कैंप जम्मू-कश्मीर के रजौरी और पुंछ में एक्टिव था। 20 अप्रैल, 2023 में पुंछ और नौ अप्रैल, 2024 को तीर्थ यात्रियों की बस पर हुए हमले के आतंकियों को यहीं से ट्रेनिंग मिली थी। साथ ही ऑपरेशन सिंदूर में एलओसी से नौ किमी की दूरी पर मौजूद बरनाला कैंप भिमबर भी तबाह कर दिया गया है। बरनाला कैंप हथियार, हैंडलिंग, आइईडी और जंगल सर्वाइवल का प्रशिक्षण केंद्र था। कोटली के अब्बास कैंप पर लश्कर के फिदायीन तैयार होते थे और इसकी कपैसिटी 15 आतंकियों को ट्रेनिंग देने की थी।

…कठुआ क्षेत्र में आतंक फैलान का केंद्र था

पाकिस्तान के अंदर आतंकियों के जो ठिकाने तबाह किए गए हैं, उनमें पहला सियालकोट का सरजल कैंप है और अंतरराष्ट्रीय सीमा से यह छह किमी की दूरी पर है। दूसरा मेहमूना जोया सियालकोट हिज्बुल मुजाहिदीन का बहुत बड़ा कैंप था, जो जम्मू के कठुआ क्षेत्र में आतंक फैलान का केंद्र था। उन्होंने बताया कि पठानकोट एयरबेस पर किया गया हमला इसी कैंप से प्लान और डायरेक्ट किया गया था। भारत ने उस आतंकी ठिकाने को भी तबाह कर दिया है, जहां पर साल 2008 में 26/11 मुंबई हमले की साजिश रची गई थी।

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