आरयू ब्यूरो, लखनऊ। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफ़ुल्लाह रहमानी ने बुधवार को उदयपुर हत्याकांड को निंदनीय और दुखद बताते हुए कहा कि कानून अपने हाथ में लेना गैर इस्लामी कृत्य है। हालांकि उन्होंने पैगम्बर मोहम्मद साहब की शान में गुस्ताखी करने वाली नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी नहीं होने पर भी अफसोस जताया।
उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म के पवित्र व्यक्तित्वों का अपमान करना एक गंभीर अपराध है। भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने इस्लाम के पैगम्बर के बारे में जो अपमानजनक शब्द कहे हैं। वह मुसलमानों के लिए अत्यन्त दुखदायी हैं। इसके साथ ही सरकार का उसपर कोई कार्रवाई न करना जख्मों पर नमक रखने जैसा है, लेकिन इसके बावजूद कानून को अपने हाथ में लेना और किसी व्यक्ति को स्वयं अपराधी घोषित करके हत्या कर देना निन्दनीय कृत्य है।
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मौलाना ने कहा कि न कानून इसकी अनुमति देता है और न इस्लामी शरीयत इसको जायज ठहराती है। उन्होंने कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड उदयपुर (राजस्थान) में घटित घटना की कड़ी निन्दा करता है। मौलाना ने कहा कि बोर्ड इस मामले में शुरू से एक ओर मुसलमानों से अपील करता रहा है कि वे धैर्य से काम लें और कानूनी मार्ग अपनाएं।
दूसरी ओर सरकार से अपील करता रहा है कि यह मुसलमानों की भावना और आस्था का मामला है, इसलिए किसी भी पवित्र व्यक्तित्वों के अपमान के सम्बंध में सख्त कानून बनाए। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की जानी चाहिए। मौलाना ने कहा कि बोर्ड एक बार फिर मुसलमानों से अपील करता है कि वे बिल्कुल भी कानून को अपने हाथ में न लें और ऐसे किसी भी कृत्य से बचें जो सामाजिक सद्भाव को प्रभावित करता हो।
बता दें कि नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया स्टेटस लगाने से गुस्साए दो मुस्लिम युवकों ने राजस्थान के उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल की निर्मम हत्या कर दी गई। हत्यारे कपड़े सिलवाने के बहाने उनकी दुकान में आए और न सिर्फ धारदार हथियार से उनकी हत्या की, बल्कि हाथ में हथियार लहराते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी धमकी दी। इतना ही नहीं हत्यारों ने पूरी वादात का वीडियो भी बनाया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इससे लोगों में दहशत व गुस्सा है।