आरयू ब्यूरो, लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण की योजनाओं के नाम पर राजधानी लखनऊ में बड़े पैमाने पर ठगी चल रही है। ऐसे ही एक मामले में जहां प्रधानमंत्री आवास दिलाने के नाम पर एलडीए के फर्जी अफसर ने 18 लोगों से 26 लाख से ज्यादा की ठगी कर डाली है। वहीं दूसरे केस में डालीबाग में बन रहें ईडब्ल्यूएस भवनों के रजिस्ट्रेशन में फर्जीवाड़ा की बात सामने आयी है। दोनों ही मामलों का एलडीए ने आज खुद ही खुलासा करते हुए मुकदमा दर्ज कराने की बात कही है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के प्रभारी उप सचिव अतुल कृष्ण सिंह ने बताया कि जन समस्या निवारण संस्थान के चेयरमैन आलोक दुबे द्वारा पत्र के माध्यम से सूचित किया गया कि अभिषेक, खालिद तथा राकेश यादव समेत 18 लोगों से प्रधानमंत्री आवास दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी की गयी है। पीड़ितों के मुताबिक अनवर नाम के व्यक्ति ने उन लोगों का परिचय मदेयगंज के अलीनगर निवासी मो. तालिब से करवाया। बताया कि तालिब एलडीए में प्रशासनिक अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं और बसंतकुंज योजना में प्रधानमंत्री आवास दिला देंगे।
55 हजार में लेटर तो एक लाख दस हजार में मिलेगा कब्जा
वहीं तालिब ने उन लोगों को झांसा दिया कि 55 हजार जमा करने पर मकान का रजिस्ट्रेशन पत्र मिल जाएगा। उसके बाद 1,10,000 की अगली किश्त देने पर एलडीए द्वारा आवंटित आवास की बकाया धनराशि की किश्तों का एग्रीमेंट करते हुए मकान का कब्जा दे दिया जाएगा। जिसके बाद सभी बकाया किश्तों की अदायगी पर आवंटियों के पक्ष में मकान की रजिस्ट्री हो जाएगी।
ठगी के बाद उपाध्यक्ष के नाम पर बना रहा था बहाना
पीड़ितों के मुताबिक उन लोगों ने बहकावे में आकर तालिब के बताये गये बैंक खाते में यूपीआइ के माध्यम से कुल नौ लाख 90 हजार जमा कर दिये, जिसके बाद उसने 15 लोगों को प्रधानमंत्री आवास का रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र दिया। इसके बाद 15 लोगों से मकान की अगली किश्त के नाम पर प्रति व्यक्ति 1,10,000 की दर से कुल 16,50,000 रूपये और ऐंठ लिये। ठगी करने के बाद तालिब ने न तो किसी के पक्ष में भवन का एग्रीमेंट करवाया और न ही मकान का भौतिक कब्जा दिलाया। पीड़ितों के मुताबिक मकान के बारे में पूछने वह कहता रहा है कि एलडीए उपाध्यक्ष ने कब्जा देने पर रोक लगा दी है, जब वह रोक हटाएंगे तो आप लोगों को मकान पर कब्जा दिया जा सकेगा।
जांच में फर्जी मिले दस्तावेज
अतुल कृष्ण ने बताया कि शिकायत मिलने पर एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने मामले की जांच करवायी। जिसमें पता चला कि तालिब नाम का कोई भी कर्मचारी प्राधिकरण में कार्यरत नहीं है। इसके अलावा पीड़ितों द्वारा प्रस्तुत किये गये रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र समेत सभी दस्तावेज जांच में फर्जी पाये गये। उप सचिव ने बताया कि इस मामले में गोमती नगर थाने में एफआइआर दर्ज कराने के लिए तहरीर दे दी गयी है।
रजिस्ट्रेशन से पहले बना दिया लेटर
वहीं जालसाजी का दूसरा मामला एलडीए द्वारा डालीबाग में निर्मित किये जा रहे 72 ईडब्ल्यूएस भवनों से जुड़ा है। यहां 72 भवनों के रजिस्ट्रेशन खुलने से पहले ही जालसाज इस योजना में भवन आवंटित कराने के नाम पर धोखाधड़ी कर रहे हैं। हजरतगंज में वीआइपी गेस्ट हाउस के पास झुग्गी में रहने वाले राहुल धानुक के नाम से भवन का जाली आवंटन पत्र व पंजीकरण चालान फर्जी तरीके से बनवाये गये। उप सचिव ने बताया कि मामला संज्ञान में आने पर राहुल धानुक व अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करायी जा रही है।
वीसी ने की जनता से अपील
वहीं एलडीए से जुड़े ठगी के लगातार मामले सामने आने पर उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने आज मीडिया के माध्यम से जनता को आगाह किया है। वीसी ने कहा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत मकान आवंटित कराने को लेकर किसी भी बाहरी व्यक्ति की बात पर विश्वास न करें। प्राधिकरण द्वारा पारदर्शी प्रक्रिया के तहत आवेदकों की उपस्थिति में लॉटरी के माध्यम से भवनों का आवंटन किया जाता है। अन्य किसी भी प्रकार से भवन आवंटित करने की कोई प्रक्रिया नहीं है। एलडीए में प्रधानमंत्री आवास योजना से संबंधित मामलो के लिए पीएमएवाई सेल गठित है, जिसका कार्यालय प्राधिकरण भवन की नयी बिल्डिंग के भूतल पर बना है। योजना से संबंधित जानकारी के लिए सेल के कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है।




















