आरयू ब्यूरो, लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण को सुधारने के लिए अपने मात्र दो महीने के कार्यकाल में दर्जनों प्रयास कर चुके एलडीए वीसी डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी की राहों में रोड़ा अब उनके ही मातहत एलडीए के अधिकारी बिछाते नजर आ रहें हैं। ऐसे ही एक मामले का खुलासा आज प्राधिकरण भवन में आयोजित एलडीए की अध्यक्ष व कमिश्नर लखनऊ डॉ. रोशन जैकब की कॉमर्शियल प्रापर्टी की ई-नीलामी से जुड़ी इन्वेस्टर्स व अफसरों की मीटिंग में सामने आया है।
यह भी पढ़ें- विभागों में तीन साल से ज्यादा एक ही जगह काम नहीं करेंगे समूह ग के कर्मी, मनमानी-भ्रष्टाचार पर लगाम कसने को मुख्य सचिव ने जारी किया आदेश
बैठक में आज उस बाबू (आलोक नाथ) को व्यवसायिक सेल से जुड़े अधिकारी जानकारी देने के लिए लाए थे, जिसे शासनादेश के क्रम में न सिर्फ लगभग ढाई महीने पहले अनुभाग से हटाकर विधि अनुभाग भेजा जा चुका था, बल्कि खुद वीसी ने एक महीना पहले बैठक कर नवीन तैनाती स्थल पर ही सभी कर्मियों से काम लेने का अधिकारियों को आदेश व ऐसा नहीं करने वालों पर कार्रवाई की चेतवानी दी थी।
इसके अलावा सचिव व अपर सचिव की ओर से भी आदेश जारी करते हुए शासनादेश के क्रम में ही कार्मिकों से काम लेने का सभी अनुभागाध्यक्षों को निर्देश दिया गया था। “राजधानी अपडेट” ने भी इस मुद्दे को प्रमुखत से उठाया था, जिसके बाद विभिन्न जोन, कॉस्टिंग, लेखा व मानचित्र सेल समेत अन्य अनुभागों से बड़ी संख्या में बाबू व अन्य कर्मियों ने अपनी पुरानी कुर्सी छोड़ते हुए नए पटल पर काम करना शुरू किया था।
यह भी पढ़ें- तबादले व अफसरों की चेतावनी के बाद भी सालों से एक ही कुर्सी पर जमे एलडीए कर्मी नहीं छोड़ रहें सीट, जिम्मेदार कौन?
छापेमारी में भी पुरानी जगह काम करता पकड़ा गया था आलोक नाथ
बताते चलें कि यह कोई पहली बार नहीं है, जब आलोक नाथ व्यवसायिक सेल में काम करता मिला है। इससे पहले आवंटियों की लगातार शिकायतें मिलने पर करीब 15 दिन पहले वीसी ने एलडीए के अलग-अलग अफसरों से दस बदनाम बाबुओं के यहां छापेमारी कराई थी। छापेमारी टीम में शामिल सबसे सीनियर अफसर ज्ञानेंद्र वर्मा को वीसी ने आलोक नाथ के पटल पर छापा मारने भेजा था। अपर सचिव की छापेमारी में आलोक नाथ बाबू होने के बाद भी न सिर्फ हॉलनुमा पूरे कमरे पर काबिज मिला था, बल्कि कॉमर्शियल सेल की ढेरों फाइलें भी उसके पास से बरामद हुईं थीं। शासनादेश व वीसी के आदेश के उलट पुराने पटल पर काम करता देख अपर सचिव ने उसे फटकार लगाते हुए विधि अनुभाग में काम करने को कहा था साथ ही गड़बड़ी मिलने पर कार्रवाई की बात भी कही थी, लेकिन समय बीतने के साथ ही अधिकारियों ने शासनादेश व विभाग के मुखिया की वार्निंग को दरकिनार करने वाले इस गंभीर मामले को भी दबा दिया।
मीटिंग में कमिश्नर-वीसी के पीछे बाबू के नजर आने से खुला मामला
एलडीए के सभी अधिकारी भले ही वीसी को पटल परिवर्तन के अपने कर्मियों को रिलीव करने की रिपोर्ट दे चुके हैं, लेकिन व्यवसायिक संपत्तियों की नीलामी की बैठक की जनसंपर्क अनुभाग द्वारा आज जारी की गयी फोटो में कमिश्नर व वीसी के पीछे खड़े आलोक नाथ के सामने आने से साफ हो गया है कि कई अधिकारियों पर अब भी वीसी की चेतावनी से ज्यादा अपने दुलारे बाबूओं की चाहत भारी पड़ रही है। इसे लोग विभाग के मुखिया से बगावत के रूप में भी देख रहें हैं।
यह भी पढ़ें- सृष्टि अपार्टमेंट के निरीक्षण में ढेरों गड़बड़ी मिलने से नाराज एलडीए वीसी ने इंजीनियरों से लेकर चार बड़े ठेकेदारों तक पर गिरा दी गाज, मचा हड़कंप
इस मामले में अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा का कहना है कि छापेमारी में आलोक नाथ के पुरानी सीट पर काम करता मिलने पर व्यवसायिक संपत्ति के प्रभारी ओएसडी अमित राठौर को कार्रवाई के लिए कहा गया था, अभी तक कार्रवाई नहीं होने पर वीसी साहब को मामले से अवगत कराते हुए अनुशासनहीनता करने वाले कर्मी पर कार्रवाई की जाएगी। दूसरी ओर मामला खुलने पर उप सचिव अतुल कृष्ण ने आलोक नाथ का काम एक-दो दिन में किसी अन्य बाबू को देने को कहा है।
कमिश्नर-वीसी ने लांच की बुकलेट
वहीं आज बैठक में कमिश्नर व वीसी ने निवेशकों को अधिक से अधिक ई-नीलामी में भाग लेने के लिए जहां प्रोत्साहित किया। साथ ही उनकी सुविधा के लिए ई-नीलामी में लगायी गयी प्राधिकरण की व्यावसायिक संपत्तियों से जुड़ी बुकलेट भी लांच की।
यह भी पढ़ें- उपाध्यक्ष की वार्निंग पर फास्ट हुए अफसरों ने चार दिन में ही निपटा दिए 193 अटके मामले, बुजुर्ग व दिव्यांगों को भी विशेष राहत देने के लिए एलडीए हर चौथे गुरुवार को लगाएगा कैंप
एलडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि व्यावसायिक संपत्तियों की ई-नीलामी में सहभागिता बढ़ाने के उद्देश्य से निवेशकों के साथ सीधा संवाद किया गया। इसमें निजी विकासकर्ता, होटल/मॉल/मल्टीप्लेक्स उद्योग, पेट्रोल पंप कंपनियों व शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल रहे। मीटिंग में निवेशकों के सामने एलडीए की विभिन्न योजनाओं में खाली ग्रुप हाउंसिंग, शॉपिंग मॉल-मल्टीप्लेक्स, होटल, सिटी क्लब, पेट्रोल पंप, स्कूल, टेक्निकल एजुकेशन प्लॉट, नर्सिंग होम, फैसेल्टीज, कन्वीनिएंट शॉप व मिक्स लैंड यूज प्रापर्टी का प्रेजेंटेशन दिया गया।
प्राधिकरण भवन में बनाएं फेलिसिटेशन काउंटर
इस दौरान रोशन जैकब ने निर्देश दिये कि कॉमर्शियल प्रापर्टी की जानकारी देने व इससे जुड़े अन्य कामों को कराने के लिए प्राधिकरण भवन में एक फेलिसिटेशन काउंटर बनाया जाए। इसके अलावा ई-नीलामी में लगाये सभी प्लॉटों पर बोर्ड लगाएं। बोर्ड पर दर समेत प्रापर्टी की पूरी डिटेल लिखी हो।
अतिक्रमण हो तो अभियान चलाएं
साथ ही कमिश्नर ने एलडीए के अफसरों को यह भी निर्देश दिया कि निलामी के प्लॉटों के आसपास अगर किसी प्रकार का अतिक्रमण हो, तो अभियान चलाकर उसे तत्काल हटवा दें। इस मौके पर कमिश्नर ने निवेशकों से भी उनके सुझाव जानें साथ ही सुझाव व कार्यवाही करने के लिए एलडीए के अधिकारियों को निर्देश दिए।
बैठक में एलडीए सचिव पवन कुमार गंगवार, अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा, चीफ इंजीनियर अवधेश तिवारी, वित्त नियंत्रक दीपक कुमार सिंह, मुख्य नगर नियोजक नितिन मित्तल, विशेष कार्याधिकारी अमित राठौर, एसी अजय कुमार सिंह, एक्सईएन भूपेंद्र वीर सिंह, अवनींद्र सिंह व केके बंसला समेत अन्य अफसर व कर्मी मौजूद रहें।