आरयू वेब टीम। पंजाब के खडूर साहिब से निर्दलीय सांसद और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह पिछले दो साल से नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (एनएसए) के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है, हालांकि अब अमृतपाल सिंह के डिटेंशन के समय को एक साल और बढ़ा दिया गया है।
दरअसल 23 अप्रैल को अमृतपाल की डिटेंशन के दो साल पूरे हो रहे हैं। इस दौरान पंजाब पुलिस की एक टीम ने अमृतपाल को पंजाब में लाने के लिए असम जाने की पूरी तैयारी भी कर ली थी, लेकिन ऐन मौके पर राज्य और केंद्र सरकार की सुरक्षा एजेंसियों ने आपसी विचार-विमर्श के बाद अमृतपाल को एक साल के लिए और एनएसए के तहत डिटेंशन में रखने का फैसला लिया है।
अमृतसर के जिला मजिस्ट्रेट की सिफारिश पर राज्य के गृह विभाग ने एक साल की हिरासत अवधि को और बढ़ाया है। एनएसए के अलावा अमृतपाल पर यूएपीए के तहत भी केस दर्ज है। अमृतपाल के नौ सहयोगियों को इस महीने की शुरुआत में पंजाब वापस लाया गया है और अब वे पंजाब पुलिस की हिरासत में हैं।
पपलप्रीत के अलावा, जो अमृतपाल और उनके मीडिया सलाहकार का प्रमुख सहयोगी है और हाल ही में पंजाब वापस लाया गया था, अन्य आठ सहयोगी हैं, कुलवंत सिंह राउके, हरजीत सिंह चाचा, गुरिंदर पाल सिंह उर्फ गुरी, गुरुमीत सिंह बुकनवाला, भगवंत सिंह, दलजीत सिंह कलसी, बसंत सिंह और वरिंदर सिंह उर्फ फौजी। यह सभी आरोपी अब पंजाब की अलग-अलग जेलों में बंद हैं।
ये है मामला?
अमृतपाल सिंह को एक महीने से अधिक लंबी तलाशी के बाद 23 अप्रैल, 2023 को मोगा के रोडे गांव में गिरफ्तार किया गया था। अमृतपाल और उसके साथियों पर कार्रवाई की वजह 23 फरवरी, 2023 को अमृतसर के अजनाला पुलिस स्टेशन पर हुआ हिंसक हमला था। अपहरण के मामले में हिरासत में लिए गए अमृतपाल के करीबी सहयोगी लवप्रीत सिंह तूफान की रिहाई की मांग करने के लिए उनके हजारों समर्थकों ने तलवारों और बंदूकों से लैस होकर स्टेशन पर धावा बोल दिया। भीड़ ने पुलिस बैरिकेड तोड़ दिए, अधिकारियों के साथ झड़प की और तूफान की रिहाई सुनिश्चित कर ली।
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इस घटना के बाद, पंजाब पुलिस ने 18 मार्च, 2023 को अमृतपाल के खिलाफ एक बड़ा अभियान चलाया। वो एक महीने से अधिक समय तक गिरफ्तारी से बचता रहा, जिसके बाद हाई-प्रोफाइल तलाशी अभियान चलाया गया। इस दौरान पंजाब में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गईं।
बाद की जांच के बाद अमृतपाल और उसके कई सहयोगियों के खिलाफ एनएसए लागू किया गया था। 20 और 21 मार्च, 2023 को अमृतपाल के पांच सहयोगियों एनएसए के तहत हिरासत में लिया गया और डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में स्थानांतरित कर दिया गया। अमृतपाल सिंह को 23 अप्रैल, 2023 को मोगा जिले के रोडे गांव में एक गुरुद्वारे से गिरफ्तार किया गया था। मार्च में जारी किए गए एनएसए वारंट को निष्पादित किया गया और उन्हें डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया।