आरयू ब्यूरो, लखनऊ। सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रजापति की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही। गुरुवार को गायत्री पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में एक और एफआइआर दर्ज की गई है। यह एफआइआर विजिलेंस की जांच रिपोर्ट के आधार पर शासन की अनुमति पर हुई है।
इसमें गायात्री प्रजापति पर खनन मंत्री रहते हुए आय से अधिक संपत्ति जमा करने का आरोप है। दो साल पूर्व विजिलेंस ने पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रजापति के खिलाफ जांच शुरू की थी। जांच में खुलासा हुआ था कि साल 2007 से 2012 तक मंत्री पद पर रहते हुए गायत्री की संपत्ति आय से करीब 3.50 करोड़ अधिक है। विजिलेंस को 21 बेनामी संपत्तियों की भी जानकारी मिली है, जो गायत्री प्रजापति से संबंधित बताई जा रही। गायत्री ने अपने ड्राइवर और कई नौकरों को भी करोड़पति बना दिया है। इन सबके नाम से संपत्तियां खरीदी गई हैं।
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वहीं गायत्री प्रजापति के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय भी जांच कर रहा। हाल ही में ईडी ने गायत्री के बेटे से भी पूछताछ की थी। गायत्री प्रजापति इन दिनों जेल में हैं। उन पर एक नाबालिग ने लखनऊ के गौतमपल्ली थाने में सामूहिक दुष्कर्म का केस दर्ज कराया था। 15 मार्च 2017 को उन्होंने पुलिस के सामने सरेंडर किया था।
गायत्री के अलावा छह अन्य आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। जिसके बाद 18 जुलाई 2017 को लखनऊ की पॉक्सो स्पेशल कोर्ट ने सातों आरोपियों पर केस दर्ज करने का आदेश दिया था। बीते चार सितंबर को तीन साल पांच माह और 20 दिन बाद उन्हें हाईकोर्ट ने मेडिकल बैकग्राउंड के आधार पर जमानत दी थी।