आरयू ब्यूरो, लखनऊ। विधानसभा चुनावों से पहले समाजवादी पार्टी को छोड़ बसपा में शामिल हुए अंबिका चौधरी ने अब बसपा को बड़ा झटका दिया है। उन्होंने बसपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। अंबिका चौधरी ने शनिवार को अपने बेटे आनंद चौधरी को समाजवादी पार्टी की तरफ से जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित किए जाने के बाद यह घोषणा की।
उनके बेटे आनंद चौधरी को सपा ने बलिया से जिला पंचायत अध्यक्ष पद प्रत्याशी बनाया है। अंबिका चौधरी ने बसपा प्रमुख मायावती को इस्तीफा भेज दिया है। जिसमें उन्होंने लिखा कि मेरी निष्ठा पर कोई सवाल न उठाए, इसलिए इस्तीफा दे रहा हूं।
पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि 2017 के पार्टी में शामिल होने के बाद निष्ठावान कार्यकर्ता के रूप में पार्टी में अपनी सेवाएं दे रहा हूं। मुझको जब भी छोटा-बड़ा कोई भी दायित्व दिया गया। उसका पूरी लगन के साथ पालन और निर्वहन किया। इस दौरान बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती और दल के अन्य सभी नेताओं का जो भी सहयोग एवं सम्मान मिला, इसके लिए उनका आभार व्यक्त करता हूं।
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अंबिका ने आगे लिखा- मुझे 2019 में लोकसभा चुनाव के बाद से पार्टी के किसी भी पद पर छोटा-बड़ा कोई भी उत्तरदायित्व नहीं सौंपा गया। इस स्थिति में अपने आप को पार्टी में उपेक्षित और अनुपयोगी पा रहा हूं। 19 जून को मेरे बेटे आनंद चौधरी को आसन्न बलिया से जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में समाजवादी पार्टी का प्रत्याशी घोषित किया गया है। इसलिए मैंने नैतिक कारणों से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से अपना त्यागपत्र राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती को दे दिया है।
गौरतलब है कि बलिया के मूल निवासी अंबिका चौधरी ने न्यायिक सेवा की नौकरी छोड़कर सियासी सफर शुरू किया था। 65 वर्षीय चौधरी अखिलेश यादव सरकार में राजस्व, पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री रहे हैं। पूर्व की मुलायम सिंह सरकार में भी अंबिका मंत्री थे। चौधरी को प्रगतिवादी सोच का नेता माना जाता है।