आरयू वेब टीम। आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा का निलंबन सोमवार को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने भाजपा सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव के प्रस्ताव पर रद्द कर दिया। इसके बाद राघव चड्ढा ने कहा कि 11 अगस्त को मुझे राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया। मैं अपने निलंबन को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट गया।
सुप्रीम कोर्ट ने इसका संज्ञान लिया और अब 115 दिनों के बाद मेरा निलंबन रद्द कर दिया गया है। मुझे खुशी है कि मेरा निलंबन वापस ले लिया गया और मैं सुप्रीम कोर्ट और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को धन्यवाद देना चाहता हूं। मानसून सत्र के आखिरी दिन राज्यसभा में आम आदमी पार्टी (आप) के सदस्य राघव चड्ढा को नियमों के घोर उल्लंघन और अवमाननापूर्ण आचरण के चलते विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक निलंबित कर दिया गया था।
मानसून सत्र के अंतिम दिन, शुक्रवार को सदन के नेता सदन पीयूष गोयल ने राघव चड्ढा द्वारा नियमों का उल्लंघन करने तथा सदन की एक समिति के लिए चार सदस्यों का नाम उनकी सहमति लिए बिना प्रस्तावित करने का मुद्दा उठाया था। चड्ढा पर आरोप है कि उन्होंने राज्यसभा में ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023’ को पारित कराने की प्रक्रिया के दौरान प्रवर समिति के गठन का प्रस्ताव दिया था।
इस समिति के लिए चार सांसदों सस्मित पात्रा (बीजू जनता दल), एस फान्गनॉन कोन्याक (भारतीय जनता पार्टी), एम थंबीदुरई (ऑल इंडिया अन्ना द्रमुक मुनेत्र कषगम) और नरहरि अमीन (भाजपा) के नाम उनकी अनुमति के बिना शामिल किए थे।
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चड्ढा ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर अपना परिचय (बायो) शनिवार को बदलकर ‘निलंबित संसद सदस्य’ कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा की याचिका पर राज्यसभा सचिवालय को नोटिस जारी किया था। राघव चड्ढा ने विशेषाधिकार समिति द्वारा जांच लंबित रहने तक उच्च सदन से अपने अनिश्चितकालीन निलंबन को चुनौती दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने निलंबित आप सांसद राघव चड्ढा को राज्यसभा सभापति से मिलने और कथित आचरण के लिए माफी मांगने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने आप नेता राघव चड्ढा को सदन से अपने निलंबन के मद्देनजर राज्यसभा अध्यक्ष से मिलने और बिना शर्त माफी मांगने का सुझाव दिया था।