आरयू वेब टीम। मोदी सरकार ने त्योहारों के मौसम में हजारों स्पेशल ट्रेन चलाने का दावा कर रही है, लेकिन हकीकत दावों से उलट नजर आ रही है। इस बीच लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी त्योहारों के मौसम में कई ट्रेनों में यात्रियों की भीड़ होने को लेकर शनिवार को केंद्र और बिहार की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकारों पर निशाना साधा। साथ ही कहा कि “फेल डबल इंजन सरकार” के दावे खोखले साबित हुए हैं। राहुल ने ये सवाल भी किया कि “12 हजार स्पेशल ट्रेन” कहां हैं?
राहुल गांधी ने कुछ ट्रेनों में यात्रियों की भीड़ से जुड़े वीडियो “एक्स” पर पोस्ट कर कहा कि “त्योहारों का महीना है। दिवाली, भाईदूज, छठ। बिहार में इन त्यौहारों का मतलब सिर्फ आस्था नहीं, घर लौटने की लालसा है, मिट्टी की खुशबू, परिवार का स्नेह, गांव का अपनापन, लेकिन यह लालसा अब एक संघर्ष बन चुकी है।”
साथ ही कहा कि “बिहार जाने वाली ट्रेनें ठसाठस भरी हैं, टिकट मिलना असंभव है और सफर अमानवीय हो गया है। कई ट्रेनों में क्षमता से 200 प्रतिशत तक यात्री सवार हैं। लोग दरवाजों और छतों तक लटके हैं।” उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि “फेल डबल इंजन सरकार” के दावे खोखले हैं।
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कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आज सवाल करते हुए भी यह पूछा कि “कहां हैं 12,000 स्पेशल ट्रेनें? क्यों हालात हर साल और बदतर ही होते जाते हैं। क्यों बिहार के लोग हर साल ऐसे अपमानजनक हालात में घर लौटने को मजबूर हैं?”
राहुल गांधी ने कहा कि अगर राज्य में रोजगार और सम्मानजनक जीवन मिलता, तो उन्हें हजारों किलोमीटर दूर भटकना नहीं पड़ता। साथ ही दावा किया, “ये सिर्फ मजबूर यात्री नहीं, राजग की धोखेबाज नीतियों और नियत का जीता-जागता सबूत हैं।” राहुल गांधी ने कहा कि यात्रा सुरक्षित और सम्मानजनक हो यह अधिकार है, कोई एहसान नहीं।
दरअसल रेल मंत्रालय ने एक अक्टूबर से 30 नवंबर, 2025 तक निर्धारित 12,011 रेल यात्राओं (रेलगाड़ियों के फेरों) की सूची पिछले दिनों जारी की थी। इसमें बताया गया था कि त्योहारों के दौरान भारी भीड़ को देखते हुए देश के विभिन्न स्थानों से प्रतिदिन औसतन 196 विशेष रेलगाड़ियां चलाई जा रही हैं। अब तक एक दिन में संचालित विशेष रेलगाड़ियों की सबसे अधिक संख्या 18 अक्टूबर को लगभग 280 थी, जबकि सबसे कम आठ अक्टूबर को लगभग 166 थी।
 
 




















