आरयू ब्यूरो, लखनऊ। नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन करने व हिंसा फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किए गए निर्दोष लोगों की रिहाई की मांग को लेकर बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की। इस दौरान अपनी मांगो को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपा।
करीब आधे घंटे चली राज्यपाल से मुलाकात के बाद बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने मीडिया से कहा कि सीएए के नाम पर निर्दोष लोगों को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि निर्दोष लोगों की रिहाई को लेकर राज्यपाल से मुलाकात हुई है, जिन लोगों ने हिंसा की है, उन्हें सजा जरूर मिले, लेकिन कोई भी निर्दोष परेशान न हो। सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि राज्यपाल ने ज्ञापन लेने के साथ ही आश्वासन भी दिया है।
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वहीं बसपा द्वारा सड़कों पर आंदोलन न किए जाने के सवाल पर सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि हमारी पार्टी सड़कों पर तोड़-फोड़ करना उचित नहीं समझती। हमारा आंदोलन करने का एक तरीका है। हमने तमाम मुद्दों पर लोकसभा से लेकर राज्यसभा तक और विधानसभा से लेकर विधान परिषद तक विरोध प्रदर्शन किया है। सीएए का भी विरोध हमने लोकसभा और राज्यसभा में किया।
साथ ही बसपा प्रमुख मायावती द्वारा जारी इस ज्ञापन में कहा गया है, “संशोधित नागरिकता कानून का पूरे देश में हर जगह काफी तीव्र विरोध हुआ और इस मामले में बसपा भी पूरी तरह से जनभावना के साथ खड़ी है।” ज्ञापन में कहा गया कि उत्तर प्रदेश में इस दौरान हुई व्यापक हिंसा आगजनी व फायरिंग आदि की घटनाओं के लिए पुलिस और राज्य सरकार ने प्रदर्शनकारियों को दोषी ठहराया और उसकी आड़ में “बदले” की कार्रवाई की। बीएसपी की मांग है कि जो निर्दोष लोग पुलिस बर्बरता का शिकार हुए यानी मारे गये है, उनके परिवार को समुचित सरकारी सहायता दी जाए तथा निर्दोष लोगों को यथाशीघ्र जेल से रिहा करके उन पर लगाये गये गलत मुकदमों को वापस लिया जाए।
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इस दौरान समाजवादी पार्टी द्वारा मारे गए लोगों को पांच लाख का मुआवजा दिए जाने पर सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि पांच लाख से कुछ नहीं होने वाला इसलिए सरकार द्वारा 25 से 50 लाख तक का मुआवजा दिया जाना चाहिए। वहीं जेएनयू मामले पर भी सतीश चंद्र ने कहा कि वहां छात्रों के साथ हो रहे मारपीट का मामला निंदनीय है। उन्होंने कहा इस मामले में चिन्हित लोगों को सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।