आरयू वेब टीम।
लोकसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी अपने चुनाव प्रचार में सेना को लेकर दिए बयान को लेकर विवादों में घिरती जा रही है। जहां मोदी सरकार की इस बात से विरोधियों ने इसकी चुनाव आयोग से शिकायत की है वही तीनों सेनाओं के आठ पूर्व प्रमुखों सहित 150 से अधिक पूर्व सैन्य अधिकारियों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लेटर लिखकर पीएम मोदी पर सेना के राजनीतिकरण का आरोप लगाया है।
राष्ट्रपति को लिखे इस लेटर में शिकायत की गई है कि सत्ताधारी दल सर्जिकल स्ट्राइक जैसे सेना के ऑपरेशन का श्रेय ले रही है। साथ ही सेना को मोदी जी की सेना के तौर पर बताया जा रहा है। अब सार्वजनिक हुए इस लेटर में राष्ट्रपति से राजनीतिक दलों के सेना के राजनीतिक इस्तेमाल रोकने के लिए कदम उठाने की अपील की गई है।
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यहां बताते चलें कि महाराष्ट्र के लातूर की रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार मतदान करने जा रहे मतदाताओं से कहा कि ‘वे अपने मत उन बहादुर लोगों को समर्पित करें, जिन्होंने पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमले को अंजाम दिया, जिसके बाद से मोदी के इस बयान पर विपक्ष ने हमले शुरू कर दिए। वहीं चुनाव आयोग ने पीएम के बयान का संज्ञान लेते हुए रिपोर्ट मांगी है।
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मिली जानकारी के अनुसार चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के मुख्य चुनाव आयोग से मोदी के ऐसे भाषण पर रिपोर्ट तलब किया है। महाराष्ट्र में स्थानीय चुनाव अधिकारियों ने चुनाव आयोग को बताया है कि पहली बार मतदान करने जा रहे मतदाताओं से बालाकोट हवाई हमले के नाम पर अपना वोट डालने की अपील वाली प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणी प्रथम दृष्टया इसके उन आदेशों का उल्लंघन है जिसमें उसने अपने प्रचार अभियान में राजनीतिक दलों से सशस्त्र बलों के नाम का इस्तेमाल नहीं करने को कहा था।