आरयू वेब टीम। अगर आप पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक के ग्राहक हैं, तो अगले छह महीने तक आपको परेशानी हो सकती है। दरअसल, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआइ) ने पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक पर कई तरह की पाबंदियां लगा दी है। आरबीआइ ने यह कार्रवाई बैंकिग रेलुगेशन एक्ट, 1949 के सेक्शन 35ए के तहत की है।
आरबीआइ के इस फैसले के बाद जमाकर्ता सहित बैंकिंग और बिजनेस सर्कल में काफी हलचल देखी गई। बैंक के मुख्य महाप्रबंधक योगेश दयाल ने कहा कि आरबीआइ निर्देशों के मुताबिक, जमाकर्ता बैंक में अपने सेविंग या करंट या अन्य किसी खाते से 1000 रुपये से अधिक नहीं निकाल सकते हैं।
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पीएमसी बैंक की कई राज्यों में शाखाएं और कारोबार हैं। इसकी शाखाएं महाराष्ट्र, दिल्ली, कर्नाटक, गोवा, गुजरात, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश में हैं। इसकी स्थापना 1984 में मुंबई के एक छोटे कमरे में की गई थी, जिसका नेटवर्क अब छह राज्यों तक फैल चुका है और इसकी 137 शाखाएं हैं। यह देश की 10 सबसे बड़ी को-ऑपरेटिव बैंकों में एक माना जाता है।
पीएमसी बैंक पर आरबीआइ की लिखित अग्रिम मंजूरी के बिना ऋण और अग्रिम धनराशि देने या रीन्यू करने, किसी भी तरह का निवेश करने, फ्रेश डिपोजिट स्वीकार करने से भी रोक लगा दी गई है। आरबीआइ ने बैंक को किसी तरह का भुगतान, कर्ज चुकाने या अपनी संपत्ति की बिक्री या किसी तरह का ट्रांसफर वगैरह पर भी पाबंदी लगाया है।
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वहीं इन सब के बाद पीएमसी बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर (एमडी) जॉय थॉमस ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि अनियमितता के कारण आरबीआइ की तरफ से बैंक पर रेगुलेटरी पाबंदियां लगाई गई हैं। उन्होंने कहा कि बैंक पर बी.आर. अधिनियम की धारा 35ए के तहत छह महीने के लिए रेगुलेटरी पाबंदी लगाई गई है। थॉमस ने कहा, “मैं पूरी जिम्मेदारी लेता हूं और सभी खाताधारकों को आश्वासन देता हूं कि इन अनियमितताओं को छह महीने की भीतर ही दूर कर लिया जाएगा।
साथ ही थॉमस ने यह भी कहा कि मैं जानता हूं कि यह सभी के लिए मुश्किल समय है और आप जिस तरह के दर्द से गुजर रहे हैं, माफी मांगने से उसे दूर नहीं किया जा सकता है। हमारा साथ दें। आपको आश्वासन देते हैं कि हम इस हालात से जरूर बाहर आएंगे और मजबूती से खड़े होंगे।”
इस बीच हजारों गुस्साए खाता धारक पैसे की निकासी के लिए पीएमसी बैंक के उत्तर-पूर्वी मुंबई स्थित मुख्यालय सहित विभिन्न शाखाओं में पहुंच गए, लेकिन वहां किसी तरह की घटना को रोकने के लिए भारी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई थी।