रिलायंस-Future ग्रुप की डील को बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने Amazon के पक्ष में सुनाया फैसला

फ्यूचर रिटेल लिमिटेड

आरयू वेब टीम। सुप्रीम कोर्ट ने ई-व्यवसाय क्षेत्र की दिग्गज कंपनी अमेजन के पक्ष में शुक्रवार को निर्णय देते हुए कहा कि फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) के रिलायंस रिटेल के साथ 24,731 करोड़ रुपये के विलय सौदे पर रोक लगाने का सिंगापुर के आपात निर्णायक का फैसला भारतीय कानूनों के तहत वैध एवं लागू करने योग्य है।

न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन की बेंच ने इस वृहद प्रश्‍न पर गौर किया और निर्णय दिया कि किसी विदेशी कंपनी के आपात निर्णायक (ईए) का फैसला भारतीय मध्यस्थता एवं सुलह अधिनियम के तहत लागू करने योग्य है, बावजूद इसके कि ईए शब्द का उपयोग यहां मध्यस्थता कानूनों में नहीं किया गया है।

बेंच ने कहा, “ईए का आदेश धारा 17 (1) के तहत आने वाला आदेश है और इसे मध्यस्थता एवं सुलह अधिनियम की धारा 17 (2) के तहत लागू करने योग्य है।”

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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 29 जुलाई 2021 यानी गुरुवार को रिलायंस रिटेल के साथ फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) के विलय के लिए 24,713 करोड़ रुपये के सौदे को चुनौती देने वाली ई-कॉमर्स दिग्गज अमेजन की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। एफआरएल और अमेजन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्‍ता हरीश साल्वे और गोपाल सुब्रमण्यम ने मामले में अपना पक्ष रखा था।

सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन और बीआर गवई ने कहा कि वह इस मामले में दलीलें बंद कर रहे हैं और फैसला सुरक्षित रखा जा रहा।

(ईए) का एफआरएल को रिलायंस रिटेल के साथ विलय सौदे से रोकने का फैसला वैध है और इसका क्रियान्वयन कराया जाना चाहिए। इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने एफआरएल और वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रहमण्यम ने अमेजन की पैरवी करते हुए अपनी-अपनी दलीलें दीं थीं, जिसके बाद न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने फिलहाल फैसला सुरक्षित रख लिया था। दरअसल, अमेजन ने दिल्ली उच्च न्यायालय के खंडपीठ के आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था, जिसने रिलायंस-एफआरएल सौदे को हरी झंडी दे दी थी।