आरयू ब्यूरो
लखनऊ। प्रदेश की सत्ता हासिल करने के लिए कई दिनों से बुने जा रहे महागठबंधन की एक कड़ी पूरी तरह जुड़ने से पहले ही आज अलग हो गई। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार सीटों की संख्या पर बात नहीं बनने के चलते राष्ट्रीय लोकदल ने महागठबंधन में शामिल होने से लगभग किनारा कर लिया है।
पश्चिम क्षेत्रों में खासा दबदबा रखने वाली रालोद 36 सीटें मांग रही थी, जबकि उसे अखिलेश की ओर से 20 से 22 सीट देने की ही बात कही जा रही थी। सपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरणमय नंदा ने आज कहा कि गठबंधन कांग्रेस के साथ होगा। बातचीत पूरी हो चुकी है। आज नहीं तो कल इसकी घोषणा कर दी जाएगी।
उपाध्यक्ष ने कहा कि हम लोगों का लक्ष्य विधानसभा के साथ ही 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव भी है, इसलिए कांग्रेस के साथ गठबंधन किया गया है। सपा कम से कम 300 सीटों पर अखिलेश यादव के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी। इस हिसाब से समझा जा रहा है कि कांग्रेस के हिस्से अब 103 सीटें आएंगी।
नंदा ने कहा कि गठबंधन की परिभाषा मैं नहीं जानता लेकिन इतना जरूर जानता हूं कि भाजपा ने भी यहां अपना दल से गठबंधन किया है। उसने बिहार विधानसभा चुनाव में भी गठबंधन किया था।
दूसरी ओर रालोद के प्रदेश प्रवक्ता सुरेन्द्र नाथ त्रिवेदी ने बताया कि दिल्ली में उनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और महासचिव के संपर्क में अब भी सपा और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं। कल दोपहर तक स्थिति पूरी तरह से साफ हो जाएगी।
इसके साथ ही महागठबंधन के घोषणा की आस लिए आज भी पूरे दिन सपा कार्यालय व मुख्यमंत्री आवास के आस-पास प्रदेश भर के समर्थक व नेता चक्कर काटते रहे। पूरे दिन लोगों की माथापच्ची के बाद कोई फैसला सामने नहीं आने से लोग मायूस होकर लौटने लगे।