आरयू वेब टीम।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देहरादून के फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट (एफआरआइ) में करीब 55 हजार लोगों के बीच योग किया। मोदी ने इससे पहले योग कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पुरातन भारतीय योग परंपरा इस संघर्षरत दुनिया को एकजुट करने वाली सबसे बड़ी शक्ति के रूप में उभरी है।
योग ने दिखाई रोग से निरोग की राह
उन्होंने कहा कि योग ने दुनिया को ‘रोग से निरोग’ की राह दिखाई है और दुनिया भर में लोगों के जीवन को समृद्ध बना रहा है। वास्तविकता यह है कि सेहत और तंदुरूस्ती की खोज में योग दिवस दुनिया के सबसे बड़े जन आंदोलन का रूप ले चुका है। उन्होंने कहा कि लोगों का स्वस्थ होना शांतिपूर्ण विश्व की स्थापना के लिए अत्यंत आवश्यक है।
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भारतीयों के लिए गौरव की बात
योग और देश पर अपने विचार रखते हुए मोदी ने कहा कि हम सभी भारतीयों के लिए गौरव की बात है कि आज जहां सूर्य की किरणें पहुंच रही हैं। वहां लोग सूर्य से योग का स्वागत कर रहे हैं। ‘देहरादून से डबलिन, शंघाई से शिकागो, जकार्ता से जोहानिसबर्ग, हिमालय की ऊंचाई से लेकर रेगिस्तान तक, योग दुनिया भर में लाखों जिन्दगियों को समृद्ध बना रहा है। आज दुनिया के कोने-कोने तक योग ही योग है।
उत्तराखंड पर्वत-वायु करते हैं भी योग के लिए प्रेरित
वहीं जनता को योग दिवस की शुभकामनाएं देने के साथ ही प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के विषय में बात करते हुए कहा कि देवभूमि उत्तराखंड कई दशकों से योग का मुख्य केंद्र रहा है। यहां के पर्वत-वायु भी योग के लिए प्रेरित करते हैं।
सबसे कम समय में संयुक्त राष्ट्र ने दी मंजूरी
साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि योगा एक ऐसा प्रस्ताव था, जिसे संयुक्त राष्ट्र ने सबसे कम समय में मंजूरी दी। योग व्यक्ति, परिवार, समाज, देश, दुनिया और पूरी मानवता को जोड़ता है। योग आज दुनिया की सबसे पावरफुल यूनिफाइंग फोर्सेज में से एक बन गया है।