सज्‍जन कुमार को नहीं मिली मोहलत, हाई कोर्ट ने खारिज की याचिका

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सज्जन कुमार। (फाइल फोटो)

आरयू वेब टीम। 

1984 के सिख दंगे से जुड़े एक मामले में उम्रकैद की सजा पाने वाले पूर्व सांसद व कांग्रेसी नेता सज्‍जन कुमार की शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है। मामले में दोषी पाए गए सज्‍जन कुमार की ओर से आत्मसमर्पण के लिए अगामी 30 जनवरी तक का समय मांगा था। वहीं अदालत ने ये कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि सज्‍जन कुमार को राहत देने का कोई आधार नजर नहीं आ रहा है।

वहीं इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट में दायर की गयी अपनी याचिका में सज्जन कुमार ने कहा था कि उनकी पत्‍नी समेत एक बड़ा परिवार है। उनके तीन बच्चे, एक भाई और तीन बहनें हैं। इसके अलावा पांच साल से लेकर 25 साल के उनके आठ नाती-पोते हैं। साथ ही सज्जन कुमार ने कहा कि उनका बड़ा परिवार है और उन्हें संपत्ति और पारिवारिक मामलों को सुलझाना है। ऐसे में हाई कोर्ट द्वारा दी गई 31 दिसंबर तक समर्पण करने की अवधि को बढ़ाकर 30 जनवरी 2019 तक की जाए।

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बताते चलें कि कोर्ट ने बीते सोमवार को 73 वर्षीय सज्‍जन कुमार को आदेश दिया था कि वह 31 दिसंबर तक आत्मसमर्पण करें। यह मामला दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली की पालम कालोनी में राज नगर पार्ट-1 में 1984 में एक से दो नवंबर के बीच पांच सिखों की हत्या और राज नगर पार्ट-2 में गुरुद्वारे में आगजनी से जुड़ा है। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके दो सिख अंगरक्षकों द्वारा 31 अक्टूबर 1984 को हत्या किए जाने के बाद ये दंगे शुरू हुए थे, जिसमें देशभर में सिखों की हत्‍याएं की गयी थी।

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