बुजुर्ग माता-पिता की सेवा न करने पर संपत्ति से बेदखल होंगे बच्चे, UP कैबिनेट में अन्य फैसलों को भी मंजूरी

संपत्ति से बेदखल
प्रेसवार्ता में कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते ऊर्जा मंत्री एके शर्मा।

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। लोकभवन में मंगलवार को सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक की गयी है। बैठक में 23 प्रस्ताव पेश किये गए थे, जिनमें 19 प्रस्तावों पर मुहर लगी है। जिनमें बड़े फैसले की बात करें तो अब जो बच्चे बुजुर्ग माता-पिता की सेवा नहीं करते हैं उनको संपत्ति से बेदखल कर दिया जाएगा।

योगी कैबिनेट में लिए अहम फैसलों की जानकारी देते हुए सूबे के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने प्रेसवार्ता कर बताया कि सरकार बुजुर्ग मां-बाप के भरण पोषण को लेकर एक नया कानून ला रही। इस कानून के मुताबिक अगर संतानें अपने मां-बाप का ध्यान नहीं रखेंगी तो वे उन्हें सम्पत्तियों से बेदखल कर दिया जाएगा। प्रस्ताव के मुताबिक एसडीएम की अध्यक्षता में गठित ट्रिब्यूनल को ये अधिकार होगा कि माता-पिता का ध्यान न रखने वाली संतानों को उनकी संपत्ति से बेदखल कर सके।

माता-पिता का ख्याल ना रखने वाली संतानों को संपत्ति से बेदखल करने के नियम को लागू करने की जिम्मेदारी भी एसडीएम की होगी। डीएम की अध्यक्षता में गठित अभिकरण में फैसले के खिलाफ अपील करने का भी प्रावधान होगा। शिकायत मिलने और सही पाए जाने पर 30 दिन के अंदर संतानों को संपत्ति से बेदखल कर दिया जाएगा।

दरअसल, सप्तम विधि आयोग ने वरिष्ठ नागरिकों के भरण पोषण और कल्याण नियमावली 2014 को उद्देश्यों को पूरा करने में अक्षम बताया था, जिसके बाद नियमावली 22 (क), 22 (ख) और 22 (ग) को बढ़ाने की सिफारिश की गई थी।

डाॅक्टरों की रिटार्यमेंट उम्र अब 65 साल

साथ ही एके शर्मा ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में तय हुआ कि डाॅक्टरों की रिटार्यमेंट में उम्र अब 65 साल की गई है। अभी तक चिकित्सकों की रिटायरमेंट की उम्र 62 साल थी, हालांकि प्रशासनिक पदों पर बैठे चिकित्सकों के लिए यह सुविधा नहीं है। उन्होंने चिकित्सकों की रिटायरमेंट की उम्र के बारे में बताया कि जिला कुष्ठ रोग अधिकारी, जिला क्षय रोग अधिकारी सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी 62 साल में सेवानिवृत्त हो जाएंगे। वहीं अन्य चिकित्सक भी 62 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त हो सकेंगे।

एयरपोर्ट की तर्ज पर बनेगें बसपोर्ट बनाने प्रस्ताव

वहीं परिवहन राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार दयाशंकर सिंह ने कैबिनेट निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि गाजियाबाद के साहिबाबाद, आगरा के ट्रांसपोर्ट नगर और ईदगाह, मथुरा के पुराना बस स्टैंड, कानपुर के कानपुर सेंट्रल (झकरकटी), वाराणसी के कैंट, प्रयागराज के जीरो रोड और लखनऊ के अमौसी बस स्टैंड को पीपीपी मोड पर बसपोर्ट विकसित करने का प्रस्ताव आज मंजूर किया है। जिसमें लखनऊ के चारबाग, मेरठ के सोहराबगेट, अलीगढ़ के रसूलाबाद, गोरखपुर के गोरखपुर, अयोध्या के अयोध्याधाम, बरेली के सैटेलाइट, रायबरेली और मिर्जापुर में बस पोर्ट के लिए भी प्रस्ताव तैयार किया है। बुलंदशहर के बुलंदशहर और मेरठ के गढ़मुक्तेश्‍वर एयरपोर्ट की तर्ज पर बस पोर्ट बनाने प्रस्ताव भी मंजूर किया है।

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इन प्रस्ताव को भी कैबिनेट में हरी झंडी

* जनपद ललितपुर मे फार्मा पार्क स्थापित किये जाने के लिए पशुपालन विभाग की स्वामित्व की 2000 एकड़ मे से 1472.33 एकड़ भूमि औदयोगिक विकास विभाग को हस्तांतरित करने के प्रस्ताव को मंजूरी। ललितपुर के तहसील मंडावरा, व महरौनी के विभिन्न गांव मे स्थित है।

* बरुण अर्जुन विश्वविद्यालय शाहजहांपुर की स्थापना का प्रस्ताव मंजूर किया है।

* इसके साथ ही मुख्यमंत्री ग्रीन रोड इंफ्रास्ट्रक्चर योजना को भी हरी झंडी दी गई है। वहीं 15 से 25 प्रतिशत तक राजस्व व्रद्धि करने वाले नगर निकाय को सरकार अतिरिक्त मदद करेगी।

* इसके अलावा सांस्कृतिक, धार्मिक स्थलों, पौराणिक स्थलों के संरक्षण के लिए 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इनमे विश्रामालय, शेड,लिंक मार्ग,प्रकाश व्यवस्था,बैठने आदि व्यवस्था के मद मे खर्च का प्रावधान।

* जनपद फतेहपुर मे 293 करोड़ 36 लाख रुपए की सीवेज ट्रीटमेंट योजना को मंजूरी,123 कि.मी. परिधि के सीवेज सिस्टम के कार्य होंगे।

* उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वेज इंडस्ट्रीयल डेवलेपमेंट अथॉरिटी द्वारा निर्मित व निर्माणाधीन एक्सप्रेस वेज के दोनो तरफ चयनित स्थलों पर औदयोगिक कोरिडर विकसित किये जाने हेतु ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध करवाए जाने के संबंध मे ₹3000 करोड़ की व्यवस्था को मंजूरी, यूपीडा यह कार्य करवाएगी।

* तीन से छह साल तक के बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्रो मे कुक्ड फूड दिये जाने के संबंध मे प्रस्ताव को मंजूरी मिली है।

वहीं अब परिवहन विभाग मे रोड सेफ्टी हेतु सड़क दुर्घटनाओं मे तीन लोगो से ज्यादा की मृत्यु होने पर जांच कमेटी द्वारा जांच की जाएगी, इसमे परिवहन विभाग, पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पीडब्ल्यूडी विभाग के सदस्य होंगे व रोड सेफ्टी के समाजसेवी भी शामिल होंगे। इससे क्लेम मिलने मे सहायता मिलेगी। जिलाधिकारी की अध्यक्षता मे यह कमेटी गठित की जाएगी, परिवहन आयुक्त की अध्यक्षता मे राज्य स्तर पर भी कमेटी गठित होगी।

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