आरयू ब्यूरो, लखनऊ। योगी सरकार के सहयोगी व कैबिनेट मंत्री और निषाद पार्टी के मुखिया संजय निषाद इन दिनों भाजपा से खफा चल रहे हैं। मंगलवार को भाजपा नेतृत्व को खुलीह चुनौती दी है। संजय निषाद ने कहा कि अगर भाजपा को लगता है कि उनको हमसे कोई फायदा नहीं है तो गठबंधन तोड़ दें। उन्होंने भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा सहयोगी दलों की जारी अभद्र टिप्पणी को बंद करने की सलाह देते हुए कहा कि सपा और बसपा से पार्टी में आए नेताओं से भाजपा को सावधान रहना चाहिए।
मीडिया से बातचीत संजय निषाद ने कहा, “हमने मछुआरों की लड़ाई शुरू की, आज उनका ये आंदोलन देशव्यापी बन चुका है। भाजपा को चाहिये कि वो अपने सहयोगी दलों के साथ भरोसे से चले।” इतना ही नहीं संजय निषाद ने साफ शब्दों में कहा कि अगर भाजपा को लगता है हमसे कोई फायदा नहीं हो तो भाजपा गठबंधन तोड़ सकती है, लेकिन निषाद पार्टी अपने आस्तित्व की लड़ाई अकेले भी लड़ने के लिए तैयार है।
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संजय निषाद ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि शुरू में वो अकेले थे, लेकिन लोग जुड़ते गए और कारवां बढ़ता गया। यह सफलता हमें काफी संघर्षों के बाद मिली है। इस दौरान संजय निषाद ने ऐलान किया कि 31 को हम जनजाति दिवस मनाएंगे। उन्होंने कहा कि 2013 से हम लगातार आंदोलन कर रहे हैं। शिल्पकारों को अनुसूचित जाति का दर्जा मिला, लेकिन हमारे समाज को नहीं। हम अपने समाज को अनुसूचित जाति में लाने के लिए कोशिश कर रहे हैं। साथ ही ये भी कहा कि सीएम योगी उनके मार्गदर्शक हैं। एकता में बल होता है। हमें साथ मिलकर चलना चाहिये।