संजय सिंह ने कहा, “योगी उर्दू के बिना बोल ही नहीं सकते, यूपी को जा रहा नफरत की आग में झोंका”

नफरत की आग
मीडिया से बात करते संजय सिंह साथ में अन्‍य।

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। आम आदमी पार्टी के सांसद व यूपी प्रभारी संजय सिंह ने बुधवार को यूपी के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के विवादित बयान को लेकर सीधा हमला बोला है। सांसद ने कहा कि योगी उर्दू के बिना बोल ही नहीं सकते, लेकिन भड़काऊ बयान देकर यूपी को नफरत की आग में झोंका जा रहा है। साथ ही भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाया कि भाजपा ने धनबल और वोटर लिस्ट में गड़बड़ी कर दिल्ली विधानसभा चुनाव जीता है।

आप नेता ने लखनऊ में प्रेसवार्ता कर मीडिया से बातचीत में कहा कि केंद्र सरकार ने इस बार भी मुख्य चुनाव आयुक्त के चयन में मनमानी की है। चयन प्रक्रिया में बदलाव किया गया है। साथ ही योगी सरकार को घेरते हुए कहा कि महाकुंभ में अव्यवस्थाएं हावी हैं। भगदड़ में लोगों की जान जा चुकी है। इतना ही नहीं संगम के जल के बारे में आई केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड की रिपोर्ट चिंताजनक है। नमामि गंगे योजना के तहत काम नहीं हुआ है। योगी जी इससे इनकार भी नहीं कर सकते हैं।

वहीं संजय सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में उर्दू के खिलाफ बोला है। उर्दू यूपी की देन है। चार मिनट के भाषण में उन्होंने नौ बार उर्दू के शब्द बोले हैं। उर्दू के बिना आप बोल ही नहीं सकते हैं। वो भड़काऊ भाषण दे रहे हैं। असल मुद्दों पर कोई चर्चा नहीं हो रही है। इस दौरान आप सांसद ने कहा कि हमारा मुख्य मुद्दा देश के संविधान को भाजपा द्वारा तार-तार करने, इसकी मूल भावना के विपरीत काम करने, सामाजिक न्याय की भावना को तोड़ने के खिलाफ होगा। उन्होंने कहा कि यूपी को नफरत की आग में झोंका जा रहा है।

यह भी पढ़ें- AAP कार्यकर्ताओं से संजय सिंह ने कहा, संविधान के माध्‍यम से समाज की असमानता दूर करने के लिए रहें प्रतिबद्ध

इसके अलावा संजय सिंह ने बताया कि प्रांतीय पदाधिकारियों की बैठक कर आने वाले दिनों में यूपी में सदस्यता अभियान, कार्यकर्ता सम्मेलन और यूपी के मुद्दों पर संघर्ष की रणनीति बनाई है। हम 23 मार्च को प्रांतीय कार्यकर्ता सम्मेलन लखनऊ में करेंगे और इसके बाद से प्रदेशभर में 16 स्थानों पर कार्यकर्ता सम्मेलन करेंगे। 14 सितंबर को रैली की जाएगी।

यह भी पढ़ें- नरेंद्र मोदी को संजय सिंह की चुनौती, इरादे साफ हैं तो सरकार पास करे OBC आरक्षण बिल