संजय सिंह ने कहा, “स्‍मार्ट मीटर के नाम पर जनता को जबरन लूट रही योगी सरकार दे 959 करोड़ का हिसाब”

स्‍मार्ट मीटर
पत्रकारों से बात करते संजय सिंह।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। जनता की जेब काटने के लिए कुख्‍यात बिजली विभाग के स्‍मार्ट मीटर के खिलाफ आज आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने मोर्चा खोला है। संजय सिंह ने कहा कि उत्‍तर प्रदेश में स्‍मार्ट मीटर के नाम पर योगी सरकार जनता को जबरन लूट रही है। यूपी प्रभारी ने कहा कि 4जी स्‍मार्ट मीटर लगाने का योगी सरकार आदेश न सिर्फ जनविरोधी है, बल्कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 की धारा 55 का खुला उल्लंघन भी है, जिसमें उपभोक्ता की सहमति के बिना किसी घर में स्मार्ट मीटर लगाए जाने पर रोक है।

गोमतीनगर स्थित आप के प्रदेश कार्यालय पर प्रेसवार्ता करते हुए आज राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने यह भी कहा कि मीटर लगाने के योगी सरकार के इस तुगलकी फरमान का आप पुरजोर विरोध करती है और सड़क से संसद और जरूरत पड़ी तो न्यायालय तक इस लड़ाई को लड़ेगी।

मीटर 15 से 20 प्रतिशत तेज

भाजपा सरकार पर हमला जारी रखते हुए आप सांसद ने कहा कि साल 2018 में जब 2G स्मार्ट मीटर लगाते समय भी लोगों ने विरोध किया था क्योंकि ये मीटर 15 से 20 प्रतिशत तेज चलते हैं। यानी अगर किसी उपभोक्ता का बिजली बिल ₹2000 आता है, तो स्मार्ट मीटर के बाद उसे ₹2400–₹2500 तक देना पड़ता है। उन्होंने कहा कि जनता में इस मुद्दे पर गुस्सा, आक्रोश और नाराज़गी चरम पर है।

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आप सांसद ने मीडिया से कहा कि साल 2018 में 2-जी स्मार्ट मीटर लगाने का आठ साल का कॉन्ट्रैक्ट किया गया था, जिसके तहत लगभग 12 लाख घरों में मीटर लगे, जबकि 40 लाख घरों में लगाने का लक्ष्य था, लेकिन अब अचानक बिजली विभाग ने तुगलकी फरमान जारी कर दिया कि अब 2G मीटर हटा 4G मीटर लगाए जाएंगे। संजय सिंह ने कहा, “सरकार यह बताए कि जब 4G मीटर ही लगाने थे, तो 2018 में 2G मीटर क्यों लगाए गए? आखिर 959 करोड़ रुपये जनता की गाढ़ी कमाई का हिसाब कौन देगा?”

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने टेंडर 8415 रुपये प्रति मीटर के हिसाब से किया, जबकि मीटर 6016 रुपये में लगाए जा रहे… यानी घोटाला साफ़ है और जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। संजय सिंह ने कहा, “यह सरकार अपनी मनमर्जी से जनता को लूटने का काम कर रही है। 959 करोड़ रुपये का हिसाब कौन देगा, यह जनता जानना चाहती है।”

जैसे ही मीटर में रिचार्ज खत्म होगा…

योगी सरकार की नीयत पर शक करते हुए आप सांसद ने कहा कि प्रीपेड स्मार्ट मीटर प्रणाली आम उपभोक्ताओं के लिए बड़ा संकट बनने जा रही। जैसे ही मीटर में रिचार्ज की राशि खत्म होगी, बिजली तुरंत कट जाएगी। उन्होंने कहा, “भीषण गर्मी में जब बच्चे रो रहे होंगे, बुज़ुर्ग परेशान होंगे, तब भी बिजली बंद हो जाएगी क्योंकि सरकार ने प्रीपेड सिस्टम थोप दिया है।”

अब सरकार घड़ी के हिसाब से क्यों तय कर रही

आप सांसद ने आगे आज यह भी कहा कि योगी सरकार समय के हिसाब से बिजली दर वसूलने की बात कर रही, यानी पीक आवर में महंगी और नॉन-पीक आवर में सस्ती बिजली। संजय सिंह ने सवाल किया, “पहले बिजली दर यूनिट के हिसाब से तय होती थी, अब सरकार घड़ी के हिसाब से क्यों तय कर रही है? क्या गरीब जनता को गर्मी के महीनों में तबाह करने की साजिश है?”

अगर बिजली की दरें 40 रुपये प्रति यूनिट तक…

संजय सिंह ने योगी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार की मंशा जनता से ज्यादा से ज्यादा पैसा वसूलना और निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने की है। उन्होंने कहा कि जून-जुलाई में अगर बिजली की दरें 40 रुपये प्रति यूनिट तक पहुंचीं, तो जनता के पैसे कटते रहेंगे और लोगों को पता भी नहीं चलेगा।

सहमति के बिना नहीं लगाया जा सकता मीटर

आप सांसद ने कहा‍ कि स्मार्ट मीटर योजना इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 की धारा 55 के खिलाफ है, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि उपभोक्ता की सहमति के बिना कोई भी मीटर नहीं लगाया जा सकता। इसलिए सरकार की यह ज़बरदस्ती असंवैधानिक और जनविरोधी है।