आरयू ब्यूरो, लखनऊ। हाथरस गैंगरेप कांड में गुरुवार को एससी-एसटी कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। इस मामले में तीन आरोपितों को कोर्ट ने बरी कर दिया है। कोर्ट ने चार में से सिर्फ एक आरोपित संदीप ठाकुर को दोषी माना है। जो मुख्य आरोपित था। स्थानीय अदालत ने रवि, रामू और लव कुश को बरी कर दिया है, जबकि संदीप को आइपीसी की धारा 304 और एससी/एसटी एक्ट के तहत दोषी ठहराया है।
कोर्ट के फैसले के बाद पीड़िता के वकील ने कहा है कि वह फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट जाएंगे। कोर्ट ने संदीप को गैर इरादतन हत्या और एससी-एसटी एक्ट में दोषी माना है। वहीं अन्य तीनों को राहत मिल गई है। इस केस में खास बात यह रही कि चारों आरोपितों में से किसी पर भी गैंगरेप का आरोप सिद्ध नहीं हुआ। इस मामले में केवल संदीप को आइपीसी की धारा 304 और एससी/एसटी एक्ट के तहत दोषी ठहराया गया है।
गौरतलब है कि सितंबर 2020 को यूपी के हाथरस में एक युवती के साथ गैंगरेप का मामला सामने आया था। युवती खेत में घास लेने गई थी। तभी उसके साथ यह घटना घटित होने की बात सामने आई थी। गांव के ही चार युवकों पर आरोप लगा था। इस घटना में पीड़िता की बेरहमी से जीभ काट दी गई थी। 29 सितंबर 2020 को युवती ने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया था। जिसके बाद 29 सितंबर की देर रात ही यूपी प्रशासन ने परिजनों के मर्जी के खिलाफ युवती का अंतिम संस्कार कर दिया था, इसके बाद काफी हंगामा हुआ था।
यह भी पढ़ें- हाथरस केस: CBI ने चार्जशीट में माना, दलित युवती के साथ हुआ गैंगरेप, की गई हत्या
वहीं युवती के भाई ने गांव के ही संदीप ठाकुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। बाद में युवती के बयानों के आधार पर 26 सितंबर को गांव के अन्य तीन लोगों लवकुश सिंह, रामू सिंह और रवि सिंह के खिलाफ धाराएं बढ़ाई गईं। अब इस मामले में केवल संदीप ठाकुर को ही दोषी माना गया है। फिलहाल पीड़िता के वकील का कहना है कि वह इसके खिलाफ हाई कोर्ट जाएंगे।