सेना भर्ती में अग्निपथ योजना के खिलाफ भारी विरोध, डिफेंस एक्सपर्ट ने उठाए सवाल

अग्निपथ योजना
फाइल फोटो।

आरयू वेब टीम। भारत में दशकों से चली आ रही पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में बीते 14 जून 2022 को बदलाव किया गया। सरकार ने इस बदलाव को ऐतिहासिक फैसला बताते हुए इसका नाम अग्निपथ स्‍कीम दिया है। सरकार दावा कर रही है कि इस योजना से तीनों सशस्त्र सेनाओं में बड़ा बदलाव आयेगा, लेकिन रक्षा विशेषज्ञों की राय इसके उलट है और वे इसे सेना में भर्ती का सही विकल्प नहीं मानते। सशस्त्र बलों के भूतपूर्व सैनिकों ने इस स्‍कीम को लेकर मिलीजुली प्रतिक्रिया जाहिर की है।

वहीं दूसरी तरफ इस योजना की घोषणा किए जाने के साथ ही अलग-अलग राज्यों में सेना के अभ्यर्थियों की ओर से सरकार के इस फैसले का जमकर विरोध किया जा रहा है। कई पूर्व सैन्य अधिकारियों ने तो इस योजना पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल विनोद भाटिया ने कहा, ‘अग्निपथ योजना या ‘टूर आफ ड्यूटी’ जांची परखी नहीं है, कोई प्रायोगिक परियोजना नहीं, सीधे कार्यान्वयन किया जा रहा है। अच्छा विचार नहीं।

वहीं दूसरी तरफ पिछले 22 साल तक भारतीय वायु सेना (आईएएफ) में सेवा देने वाले रिटायर्ज ग्रुप कैप्टन नितिन वेल्डे ने इस स्कीम के बारे में बात करते हुए कहा कि फिलहाल इस योजना की आलोचना या सराहना करना जल्दबाजी होगी, हमें थोड़ा समय देकर देखना चाहिए।

गौरतलब है कि इस स्कीम को तहत अब सेना में भर्ती होने वाले सैनिकों की अवधी चार साल होगी। सैनिकों की यह भर्ती कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर की जाएगी। वहीं सेलेक्शन के लिए सैनिकों की उम्र की सीमा 17.5 साल से 21 साल के बीच रखी गई है। इन्हें ‘अग्निवीर’ नाम दिया जाएगा। स्कीम के अनुसार सेना में प्रक्रिया के तहत भर्ती होने वाले अग्निवीर के पहले साल का मासिक वेन 30,000 रुपये होगा, लेकिन हाथ में केवल 21,000 रुपये ही आएंगे।

साथ ही प्रति महीने नौ हजार रुपये एक सरकारी कोष में जाएंगे जिसमें सरकार की ओर से भी समान राषि डाली जाएगी। वहीं दूसरे साल सैनिक का वेतन 33,000 रुपये, तीसरे साल 36,500 रुपये और चौथे साल 40,000 रुपये होगा। अग्निपथ स्‍कीम के तहत तीनों सेनाओं में इस साल करीब 46,000 सैनिक भर्ती किए जाएंगे। चयन के लिए पात्रता आयु साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष के बीच होगी।

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बता दें कि एक तरफ जहां सरकार इस स्कीम को लेकर काफी कॉन्फिडेंट हैं वहीं दूसरी तरफ देश में भर में इस नए योजना का विरोध किया जा रहा है। बिहार में इसके विरोध में जगह-जगह टायर आगजनी, पथराव और एनएच को जाम लगाकर प्रदर्शन किया जा रहा है। कैमूर भभुआ रोड रेलवे स्टेशन पर आर्मी की तैयारी कर रहे जवानों ने इंटरसिटी एक्सप्रेस को आग के हवाले कर दिया। स्टेशन प्लेटफार्म पर किया तोड़फोड़ रेल पटरी पर आगजनी कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। आरा स्टेशन पर पथराव दो नम्बर प्लेटफार्म पर यात्रिओ की बीच भगदड़ की खबर है।

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