आरयू ब्यूरो,लखनऊ। अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच की तल्खियां एक बार फिर सबके सामने आ गई हैं। दरअसल अखिलेश यादव ने रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव के लिए पार्टी के स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की, जिसमें शिवपाल यादव का नाम नहीं।
इसके बाद शाम होते-होते प्रसपा चीफ ने अपने पदाधिकारियों के साथ बैठक के बाद निकाय चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान किया। शिवपाल ने कहा कि उनकी पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) आने वाले स्थानीय निकाय चुनाव अपने दम पर लड़ेगी। प्रसपा प्रमुख के इस ऐलान के बाद साफ हो गया कि दोनों ही पार्टी की राहें अलग हो गईं हैं।
लखनऊ में प्रसपा के जिला-महानगर अध्यक्षों व मंडल प्रभारियों और फ्रंटल संगठन के पदाधिकारियों एवं प्रवक्ताओं की एक दिवसीय संयुक्त बैठक में शिवपाल ने पार्टी की भविष्य की रणनीति पर चर्चा की। कार्यकर्ताओं से बातचीत में शिवपाल यादव ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी राम के नाम पर नफरत की राजनीति नहीं करने देगी। इससे संकेत मिला है कि शिवपाल फिलहाल बीजेपी से भी दूरी बनाए रखेंगे। शिवपाल ने कहा कि पिछले कुछ महीने मेरे जीवन के सबसे कठिन समय में शामिल थे। यह राजनीतिक धैर्य, त्याग, आत्म संयम और समाज की उम्मीदों की परीक्षा थी।’
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पार्टीजनों को संबोधित करते हुए शिवपाल ने कहा कि, ‘आप सभी की भावनाओं और जनभावना का सम्मान करते हुए हमने खुले हृदय से सपा के साथ गठबंधन किया था, उसके प्रति उत्तर में हमारे साथ विश्वासघात हुआ। इस घात का परिणाम यह है कि आज सामाजवादी पार्टी विपक्ष में बैठी है।’ इतना ही नहीं शिवपाल यादव ने कहा कि प्रसपा प्रगतिशील समाजवाद व समावेशी राष्ट्रवाद के सिद्धांत के साथ आगे बढ़ेगी।
हाल ही में यूपी के बजट सत्र के दौरान शिवपाल के मुंह से सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ और योगी के मुंह से शिवपाल की सराहना के बाद जो चर्चाएं होने लगीं थीं उन पर अब विराम लग जाएगा।