आरयू ब्यूरो, लखनऊ। जेएनयू में हुई हिंसा की भाजपा ने निंदा की है। भाजपा ने कहा कि जेएनयू के आम छात्र विश्वविद्यालय परिसर में पठन-पाठन का माहौल चाहते है किंतु हताश-निराश कांग्रेस, वामपंथी छात्र संगठनों के साथ मिलकर शिक्षा के मंदिरों में हिंसा के द्वारा वैचारिक आवाजों को दबाना चाहते है। पिछले कुछ दिनों से जेएनयू समेत विभिन्न विश्वविद्यालय में माहौल को विषाक्त किया जा रहा है।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने सोमवार को पार्टी कार्यालय पर मीडिया से बातचीत में कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन को चाहिए कि परिसर को अर्बन नक्सलियों से मुक्त कराया जाए। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बात है शीतकालीन सत्र में पंजीकरण के समय वामपंथी संगठनों ने कैसे इंटरनेट को प्रभावित कर रोक दिया? छात्रों के आवाज उठाने पर वामपंथियों द्वारा पीटा गया, विद्यार्थी परिषद द्वारा हस्तक्षेप करने पर उनके कार्यकर्ताओं पर भी लाठी-डंडों से हमला किया गया। विश्वविद्यालय प्रशासन को पूरे प्रकरण को संज्ञान में लेकर विस्तृत जांच कराकर कार्यवाही करना चाहिए।
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प्रदेश प्रवक्ता ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि सपा-बसपा और कांग्रेस के नेता हमेशा एक-दूसरे को लड़ाकर राजनीति करते रहे हैं। जब भाजपा ने सभी धर्मों को मिलाकर राजनीति करना शुरू किया तो इन्हें आश्चर्य होने लगा। अब ये यह नहीं चाहते कि देश में शांति-व्यवस्था बनी रहे। इस कारण ये लोग हर जगह उकसाने का प्रयास कर रहे हैं। उपद्रवियों को राजनीतिक सह दे रहे हैं, जिससे हमेशा देश में उबाल आता रहे और लोग आपस में लड़ते रहें। यदि लोग नहीं लड़ेंगे तो इनकी राजनीति ही मिट्टी में मिल जाएगी, लेकिन इन्हें यह समझना होगा कि यह भाजपा की सरकार है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार हर गरीब तक योजनाओं को पहुंचाना जानती है तो अर्बन नक्सलियों सहित उपद्रवियों से निपटने का तरीका भी जानती है। आपस में लड़ाने वालों को तो जनता ने ही सबक सीखा दिया है और आगे भी इनकी गतिविधयों के बारे में जनता समझ रही है। उपद्रव फैलाने वालों और उनको सह देने वालों को जनता कभी माफ नहीं करेगी। प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा विपक्ष के मसूंबों को कभी कामयाब नहीं होने देगी। विपक्षी दलों को यह समझना होगा कि यह आपस में लड़ाकर राजनीति करने वालों की सरकार नहीं है।