आरयू ब्यूरो, लखनऊ। सुल्तानपुर में ज्वेलरी की दुकान में हुई डकैती के आरोपित मंगेश यादव का एसटीएफ द्वारा एनकाउंटर करने के बाद परिजनों के अलावा विपक्ष के नेता भी लगातार सवाल उठ रहें हैं। इसी बीच आज आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत भेजी है। इस शिकायत में पूर्व आइपीएस अमिताभ ठाकुर ने एनकाउंटर को फर्जी बताया है साथ ही जांच की मांग उठाई है।
आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मानवाधिकार आयोग को भेजी अपनी शिकायत में कहा है कि मंगेश यादव के पिता तथा परिवार वालों के अनुसार उसे दो सितंबर को दिन में दो बजे घर से उठाया गया और पुलिस द्वारा दो दिन तक अपने पास रखा गया। इसके बाद पांच सितंबर की सुबह एसटीएफ ने उसका फर्जी एनकाउंटर दिखा दिया।
धर्म-जाति देख सात साल से हो रहें फर्जी एनकाउंटर
अमिताभ ठाकुर ने आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में पिछले सात सालों से लगातार धर्म, जाति और राजनीतिक कारणों से फर्जी एनकाउंटर हो रहे हैं और मंगेश यादव का एनकाउंटर इसी श्रृंखला में होना जान पड़ता है। अमिताभ ने इसकी जांच करते हुए नियमानुसार विधिक कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
दो सितंबर को घर से उठा ले गई थीं एसटीएफ, पांच को मार डाला
साथ ही पूर्व आइपीएस ने मंगेश के परिजनों की बात करते हुए कहा है कि एसटीएफ द्वारा किए गए कथित एनकाउंटर के संबंध में मंगेश के पिता राकेश यादव द्वारा दिए गए बयान के अनुसार मंगेश को सोमवार दिनांक दो सितंबर को दिन में लगभग दो बजे घर से एसटीएफ वाले उठा कर ले गए। दो दिन उसे अपनी कस्टडी में रखा, उसके साथ कोई और नहीं था और पांच सितंबर को तड़के चार बजे हत्या कर दी गई।
उनके मुताबिक मंगेश यादव कंडक्टर का काम कर रहा था और उसके साथ कोई गार्डियन नहीं पाया, इसलिए उसका एनकाउंटर कर दिया गया। राकेश ने कहा कि मंगेश उनके साथ ही गुजरात में रहता था, दो-तीन महीने पहले ही वापस आया था और अपना नाम स्कूल में लिखवाने के लिए भी कह रहा था।
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अधिकार सेना प्रमुख ने कहा कि सभी तथ्य अत्यंत गंभीर हैं और प्राथमिक स्तर पर फर्जी एनकाउंटर की तरफ इंगित कर रहे हैं। हम सभी इस बात से पूरी तरह भिज्ञ है कि उत्तर प्रदेश में पिछले सात सालों से एक बहुत ही भयावह और भयानक दौर चल रहा है, जिसमें मनमानी ढंग से लोगों को जाति, धर्म, राजनीतिक जाति धर्म तथा अन्य आधारों पर उठाकर मार डाला जा रहा है। सभी तथ्यों के साथ इन तथ्यों के सही पाए जाने पर एफआइआर दर्ज किए जाने सहित समस्त आवश्यक विधिक कार्रवाई किए जाए।