आरयू ब्यूरो, लखनऊ। सहारा चीफ सुब्रत राय को शुक्रवार को गोमतीनगर समेत करीब एक दर्जन थानों की पुलिस गिरफ्तार करने गोमतीनगर स्थित सहारा शहर पहुंची, लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकी। डीसीपी व एडीसीपी की मौजूदगी में पुलिस ने सहारा शहर में काफी देर तक दबिश दी, लेकिन वह अपने आवास पर नहीं मिले। उनके खिलाफ नालंदा उपभोक्ता फोरम ने वारंट जारी किया था। इसी के बाद पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची, लेकिन वह नहीं मिले और गिरफ्तारी नहीं हो सकी।
मिली जानकारी के मुताबिक बिहार पुलिस ने सबसे पहले यूपी की पुलिस से संपर्क किया और गिरफ्तारी में मदद मांगी, जिसके बाद दोनों राज्यों की पुलिस यहां गोमतीनगर में स्थित सहारा शहर के दफ्तर पहुंचीं। इसके साथ ही पुलिस ने उनके आवास के कमरों को भी खुलवाकर छापेमारी की। पुलिस का कहना है कि सहारा शहर में सुब्रत रॉय के खिलाफ जारी वारंट को अमल में लाने की कार्रवाई की जा रही है। बिहार के नालंदा जिले की उपभोक्ता न्यायालय ने सुब्रत रॉय के खिलाफ एनबीडब्ल्यू नोटिस जारी किया है।
पुलिस की टीम नलांदा से आई थी, जहां उनके साथ उपभोक्ता फोरम के कर्मचारी भी थे। रिपोर्ट के मुताबिक सितंबर महीने में सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया के स्पेशल जज ने भी सुब्रत राय के खिलाफ एक बेलेबल वारंट जारी किया था। उन्होंने स्पेशल कोर्ट द्वारा भेजे गए समन के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसे स्पेशल जज ने खारिज कर दिया था। रिपोर्ट के मुताबिक सेबी ने सुब्रत राय के सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड, सहारा इंडिया रियल एस्टेट लिमिटेड और अन्य के खिलाफ 2014 में केस दर्ज कराए थे।
दोनों ही मामलों में सुब्रत राय भी आरोपित हैं, जिन्हें कोर्ट ने कई बार पेश होने के लिए समन भेजा, लेकिन वह कोर्ट के सामने पेश नहीं हुए। कोर्ट ने कहा कि वह आखिरी बार 2019 में कोर्ट के सामने पेश हुए थे। बाद में वह इस समन के खिलाफ सेबी के स्पेशल कोर्ट पहुंचे, जहां उन्हें कोई राहत नहीं मिली।
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कोर्ट को सहारा चीफ के वकील ने बताया था कि सुब्रत राय को डायबिटीज और हाइपरटेंशन की शिकायत है और इसके लिए उन्होंने लखनऊ सहारा हॉस्पिटल द्वारा जारी एक मेडिकल रिपोर्ट भी कोर्ट को सौंपी थी, हालांकि स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर आयुष पसबोला ने सहारा चीफ की याचिका का विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद कुछ दिनों तक समस्या होती है और अब वह कोर्ट में पेश हो सकते हैं, जिसे कोर्ट ने सही माना।
सेबी का आरोप है कि सुब्रत राय की रियल एस्टेट कंपनी ने 2009 से 2011 के बीच 75 लाख से ज्यादा निवेशकों से लगभग 6380 करोड़ रुपए की उगाही की। वहीं उनकी दूसरी हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कंपनी ने 2008 से 2011 के बीच दो करोड़ से अधिक निवेशकों से लगभग 19,400 करोड़ रुपए की उगाही की।
इंस्पेक्टर गोमतीनगर दिनेश चंद्र मिश्रा ने बताया कि सुब्रत राय की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीम ने छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान पुलिस ने सहारा शहर स्थित उनके आवास के कमरों को भी खंगाला लेकिन वह वहां नहीं मिले।