आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। एक ओर सपा समेत अन्य विरोध दल 21 व 22 फरवरी को लखनऊ में होने वाली इन्वेस्टर्स समिट में कोई संभावना नहीं होने की बात कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर आज योगी सरकार के मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कुल एक लाख करोड़ रूपए के निवेश का लक्ष्य रखा था। जिसमें से 75 प्रतिशत लक्ष्य तो समिट से पहले ही पूरा हो चुका है।
औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने सोमवार को इस बारे में जानकारी देते हुए मीडिया को बताया कि राज्य सरकार ने प्रदेश में भारी भरकम निवेश के लिए जो खाका तैयार किया है, उसको पूरा करने के लिए सरकारी महकमा पूरी संजीदगी एवं गंभीरता से काम कर रहा है। यहीं वजह है कि इसके सकारात्मक परिणाम अभी से दिखने शुरू हो गए हैं।
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औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने आज बताया कि राज्य सरकार ने इन्वेस्टर्स समिट के दौरान एक लाख करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य रखा था, लेकिन समिट से पहले ही 75 फीसदी लक्ष्य पूरा हो चुका है। नामी-गिरामी 138 निवेशकों से अभी तक 70 हजार करोड़ रुपए से अधिक निवेश के प्रस्ताव मिल चुके हैं।
साथ ही 112 निवेशकों ने एमओयू करने के प्रति सहमति भी दे दी है, जिनमें से 78 पर सरकार और उद्यमियों मध्य करार हो चुका है। अब तक करीब 5000 से अधिक देशी एवं विदेशी निवेशक इन्वेस्टर्स समिट में हिस्सा लेने के लिए रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं।
फिक्की संभालेगा एनआरआई सेशन की जिम्मेदारी
वहीं समिट आयोजन के लिए इण्डस्ट्री पार्टनर के रूप में फिक्की को आबद्ध किया गया है। एनआरआई से संबंधित सेमिनार/सेशन का आयोजन फिक्की करेगा। यह जानकारी देते हुए अपर मुख्य सचिव एनआरआइ विभाग आलोक सिन्हा ने बताया कि समिट दिन दो घंटे का एनआरआइ विषयक सत्र निर्धारित किया गया है, जिसके आयोजन के संबंध में सभी व्यवस्थाएं फिक्की संभालेगा।
आलोक सिन्हा के अनुसार एनआरआइ सत्र को आकर्षक और प्रभावकारी बनाने, कार्यक्रम के प्रतिभागी रत्न पुरस्कार से सम्मानित महानुभावों एवं स्पीकर्स की यात्रा-सुविधाओं/प्रतिपूर्ति, स्मृति चिन्ह, अंगवस्त्र, प्रशस्ति पत्र, अतिथि सत्कार, लघु फिल्म निर्माण, सुविनियर प्रिंटिंग जैसे कार्य फिक्की एवं अन्य सहयोगी संस्थाओं द्वारा किए जाएंगे। इन सब पर होने वाला पूरा खर्च एनआरआइ विभाग उठाएगा।