सुन्‍नी वक्‍फ बोर्ड के तीसरी बार अध्‍यक्ष बनें जुफर फारूकी, सपा विधायक का भी मिला वोट

जुफर फारूकी

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। मंगलवार को संपन्‍न हुए उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चुनाव में जुफर अहमद फारूकी तीसरी बार अध्यक्ष चुने गए हैं। चुनाव में कांटे की टक्कर के बाद जुफर ने अपने प्रतिद्वंदी सपा के इमरान माबूद खां को एक वोट के अंतर से हरा दिया।

आज योगी सरकार द्वारा नामित तीन सदस्‍यों के अलावा सपा के एक विधायक ने भी जुफर फारूकी का साथ देते हुए बाजी पलट दी। बसपा व सपा की सरकार के बाद अब भाजपा सरकार में भी जुफर फारूकी सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष बन गए हैं।

वहीं समाजवादी पाटी के सांसद व विधायक समेत बसपा के एक सांसद ने भी जुफर के खिलाफ मतदान किया। जुफर को 11 में से छह मत हासिल हुए, वहीं इमरान माबूद खां को पांच वोट मिलने के चलते मात्र एक वोट से हार का सामना करना पड़ा।

मतदान में जुफर के विरोध में बार कौंसिल सदस्य इमरान माबूद खां खड़े हुए। सांसद कोटे के दोनों सदस्य सपा के मुरादाबाद के सांसद एसटी हसन व बसपा के अमरोहा के सांसद कुंवर दानिश अली ने जुफर के विरोध में मतदान किया।

यह भी पढ़ें- सुन्‍नी सेंट्रल वक्‍फ बोर्ड को अयोध्‍या में मिला मस्जिद की जमीन पर कब्‍जा

विधायक कोटे के दो सदस्यों में गोपालपुर आजमगढ़ के विधायक नफीस अहमद ने जुफर के विरोध में, जबकि सपा के इसौली सुलतानपुर के विधायक अबरार अहमद ने जुफर के पक्ष में मतदान किया। इसी प्रकार बार कौंसिल सदस्य के दोनों मत जुफर के विरोध में पड़े।

जुफर को मुतवल्ली कोटे के दोनों सदस्यों यानी अपने अलावा अदनान फर्रुख शाह का भी मत मिला। नामित सदस्य सबीहा अहमद, मौलाना नईम-उर-रहमान व डा. तबस्सुम खान के मत ने जुफर को विजयी बनाया।

यह भी पढ़ें- इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ने लॉन्‍च किया मस्जिद व अस्‍पताल का डिजाइन

उल्‍लेखनीय है कि 11 सदस्यीय बोर्ड में आठ सदस्यों का चुनाव होता है, जबकि तीन सदस्य सरकार नामित करती है। इनमें दो सांसद, दो विधायक, दो बार कौंसिल सदस्य, दो मुतवल्ली, एक इस्लामिक स्कॉलर, एक समाजसेवी व एक संयुक्‍त निदेशक स्तर के अफसर शामिल हैं।