आरयू वेब टीम। देश की सबसे बड़ी अदालत में मंगलवार को ईवीएम के वेरिफिकेशन के संबंध में पॉलिसी बनाने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई हुई। इस याचिका में मांग की गई है कि ईवीएम की मेमोरी/माइक्रोकंट्रोलर की जांच और वेरिफिकेशन के लिए चुनाव आयोग को निर्देश दिया जाए। चुनाव के बाद ईवीएम के सत्यापन करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से जवाब मांगा है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा है कि फिलहाल ईवीएम से कोई डेटा डिलीट या रीलोड न किया जाए।
वहीं चुनाव आयोग से चुनाव के बाद ईवीएम की जली हुई मैमोरी और माइक्रोकंट्रोलर को लेकर प्रक्रिया की भी जानकारी मांगी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग बताए कि इस मुद्दे पर क्या एसओपी है। कोर्ट ने चुनाव आयोग को आदेश दिया है कि फिलहाल ईवीएम से कोई डेटा डिलीट न करें। ना ही कोई डेटा रीलोड करें।
एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की याचिका परसीजेआई संजीव खन्ना ने सवाल किया, ये किस लिए है? इस पर वकीलप्रशांत भूषण ने कहा, हम चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार ईसीआइ को जो प्रक्रिया अपनानी चाहिए, वो उनके मानक संचालन प्रोटोकॉल के अनुरूप हो। हम चाहते हैं कि कोई व्यक्ति ईवीएम के सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर की जांच करे। ताकि ये पता चल सके कि सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर में किसी तरह की हेराफेरी की गई है या नहीं।
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सीजेआइ संजीव खन्ना ने कहा कि ये विरोधात्मक नहीं है। अगर हारने वाला उम्मीदवार स्पष्टीकरण चाहता है तो इंजीनियर स्पष्टीकरण दे सकता है कि छेड़छाड़ नहीं हुई है। तीन मार्च से शुरू हफ्ते में इस पर सुनवाई होगी हम इसे 15 दिन बाद रखेंगे। तब तक अपना जवाब दाखिल करें। साथ ही डेटा न डिलीट करें और न ही फिर से लोड, बस जांच करने दें।