आरयू वेब टीम। सुपरटेक एमरेल्ड ट्विन टावर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दो हफ्ते में ट्विन टावर ढहाने का काम शुरू करने के आदेश दिए हैं। अदालत ने टावरों को गिराने के लिए फाइनल प्लान बनाने और तोड़फोड़ करने की टाइमलाइन तैयार करने के लिए नोएडा के सीईओ को 72 घंटे में गेल समेत सभी विभागों के अफसरों के साथ मीटिंग करने के आदेश दिए हैं। पिछली सुनवाई में दोनों टावरों को गिराने के लिए नोएडा अथॉरिटी द्वारा प्रस्तावित कंपनी को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक को एक सप्ताह के भीतर डिमोलिशन एजेंसी ‘एडिफिस’ के साथ कांट्रेक्ट साइन करने को कहा है। इसके साथ ही सुपरटेक उन घर खरीदारों के लिए रिफंड प्रक्रिया शुरू करेगा जिनके फ्लैटों को तोड़ा जाएगा। सुपरटेक ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि घर खरीदारों से खाता विवरण मांगा है और मंगलवार सुबह से पैसे ट्रांसफर करना शुरू करेंगे।
उधर, नोएडा प्राधिकरण ने तोड़फोड़ के लिए एजेंसी को अंतिम रूप देने की सूचना दी। सुपरटेक ने भी कहा कि वो नोएडा प्राधिकरण द्वारा अंतिम रूप दी गई एजेंसी से सहमत है। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने फ्लैट खरीदारों को भुगतान न करने पर सुपरटेक को फटकार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक को चेतावनीदी थी कि अगर रुपये नहीं लौटाए तो जेल भेज देंगे।
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अदालत ने नोएडा प्राधिकरण से उस एजेंसी के नाम पर फैसला करने को कहा था जिसे सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट हाउसिंग प्रोजेक्ट की ट्विन टावरों को गिराने का काम दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने प्राधिकरण को 17 जनवरी को जवाब देने का निर्देश दिया था। सुनवाई के दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सुपरटेक से कहा था कि अपने कार्यालय को क्रम में रखें और अदालती आदेश का पालन करें। हम आपके निर्देशकों को अभी जेल भेजेंगे। आप सुप्रीम कोर्ट के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। निवेश की वापसी पर ब्याज नहीं लगाया जा सकता है। कोर्ट के आदेश का पालन न करने के लिए आप तमाम तरह के कारण ढूंढ रहे हैं।