आरयू वेब टीम। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को उस समय हड़कंप मच गया। जब एक वकील ने सीजेआइ जस्टिस बीआर गवई पर हमले की कोशिश की। वकील ने चीफ जस्टिस गवई के सामने जूता निकालकर फेकने की कोशिश की। जिसे देख वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने वकील को पकड़कर लिया और बाहर निकाल दिया। इस दौरान आरोपित वकील ने नारा लगाना शुरू कर दिया।
ये घटना उस समय हुई जब सीजेआइ की अध्यक्षता वाली बेंच वकीलों के मामलों की सुनवाई के लिए मेंशन सुन रही थी। उसी समय एक वकील जज के डाइस के करीब पहुंचा और जूता उतारकर फेंकने की कोशिश की, हालांकि सुरक्षा कर्मियों ने समय रहते उसे रोक लिया। सुरक्षाकर्मी जब आरोपित वकील को पकड़कर बाहर ले जा रहे थे, तब भी वे ‘सनातन का अपमान नहीं सहेंगे’ का नारा लगा रहा था।
वहीं सीजेआइ बीआर गवई इस पूरी घटना के दौरान शांत बैठे रहें और अदालत की कार्यवाही जारी रखने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं से उन पर कोई फर्क नहीं पड़ता। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वकील का नाम राकेश किशोर है, जिनका सुप्रीम कोर्ट बार में रजिस्ट्रेशन 2011 का है। माना जा रहा है कि वह मध्य प्रदेश के खजुराहो में भगवान विष्णु की सात फुट ऊंची खंडित मूर्ति के पुनर्स्थापन पर सीजेआइ की टिप्पणियों से नाराज थे।
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बता दें कि मध्य प्रदेश के खुजराहो में जवारी मंदिर है। मंदिर अब जीर्ण-शीर्ण स्थिति में पहुंच गया है। यहां भगवान विष्णु की एक सात फीट ऊंची खंडित मूर्ति है। मूर्ति की मरम्मत के लिए एक शख्स ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। चीफ जस्टिस बीआर गवई ने इस पर जो बयान दिया था, उस पर लोगों ने नाराजगी जाहिर की थी।
जस्टिस बीआर गवई ने याचिका को पब्लिसिटी स्टंट बताया था और कहा था, ‘जाओ और खुद भगवान से कुछ करने के लिए कहो। अगर तुम कह रहो हो कि तुम भगवान विष्णु के कट्टर भक्त हो तो तुम प्रार्थना करो और थोड़ा ध्यान करो।’ ये याचिका राकेश दलाल ने दायर की थी। केस की सुनवाई जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने की थी। याचिका खारिज कर दी गई थी।



















