आरयू वेब टीम। चुनावी बॉन्ड मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक बार फिर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारियां को कड़ी फटकार लगाते हुए नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान एसबीआइ से पूछा कि बॉन्ड नंबरों का खुलासा क्यों नहीं किया। शीर्ष अदालत ने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक को राजनीतिक दलों द्वारा प्राप्त चुनावी बांड के यूनिक अल्फा-न्यूमेरिक नंबरों का खुलासा करना चाहिए था।
चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की कॉन्स्टिट्यूशनल बेंच ने साथ ही ‘सीलबंद कवर’ को स्कैन और डिजिटाइज करने का निर्देश दिया है। अदालत ने आदेश दिया है कि सील कवर में रखा गया डेटा चुनाव आयोग को दिया जाए, क्योंकि उनको इसे अपलोड करना है। कोर्ट ने साथ ही कहा कि बॉन्ड खरीदने और भुनाने की तारीख बतानी चाहिए थी।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट चुनावी बॉन्ड मामले में अपने 11 मार्च के आदेश के ऑपरेटिव हिस्से में संशोधन की मांग करने वाली चुनाव आयोग (ईसी) की याचिका पर सुनवाई कर रहा है। कोर्ट ने एसबीआइ को यह काम शनिवार शाम पांच बजे तक पूरा करने का निर्देश दिया और काम पूरा होने के बाद ओरिजनल दस्तावेजों को वापस चुनाव आयोग को देने के लिए कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई अब 18 मार्च को होगी।
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सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद इससे पहले 13 मार्च को एसबीआइ ने शीर्ष अदालत को बताया था कि एक अप्रैल 2019 से इस साल 15 फरवरी के बीच राजनीतिक दलों ने कुल 22,217 चुनावी बॉण्ड खरीदे और 22,030 बॉण्ड भुनाए है। कोर्ट में दायर एक अनुपालन हलफनामे में एसबीआई ने कहा था कि अदालत के निर्देश के अनुसार, उसने 12 मार्च को कामकाजी समय खत्म होने से पहले इलेक्शन कमीशन को चुनावी बॉण्ड की जानकारी उपलब्ध करा दी है।